लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक नई पहल करते हुए अब रेहड़ी-पटरी वालों की पहचान और उन्हें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में लाने के लिए कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार से आए नए आदेशों के तहत अब रेहड़ी-पटरी वालों को स्मार्ट कार्ड देने का फैसला लिया गया है.


सूडा निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने बताया, "परिचय पत्र के बजाय स्मार्ट कार्ड देने का निर्णय हुआ है. यह कार्ड चिप, क्यूआर व बार कोड पर आधारित होगा. स्मार्ट कार्ड के आधार पर पता चल जाएगा कि रेहड़ी-पटरी वाले का रजिस्ट्रेशन है या नहीं. सरकार ने शहरों में रेहड़ी-पटरी वालों को निकायों में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर रखा है."


उन्होंने बताया, "आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि शहरों में रेहड़ी-पटरी वालों को पहचान पत्र जो दिया जा रह है, उसे स्मार्ट कार्ड कर दिया जाए. इसमें संबंधित व्यक्ति का पूरा ब्यौरा एक चिप में दर्ज कराया जाए.


इसका क्यूआर और बार कोड भी होगा. इसको एक वेबसाइट से लिंक किया जाएगा, जिससे जरूरत पर कार्ड की स्कैनिंग पर पथ विक्रेता की पहचान हो सके. जिन पथ विक्रेताओं को पहचान पत्र जारी किया जा चुका है, उसकी समय अवधि समाप्त होने पर इसके स्थान पर स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा."


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