लखनऊ: प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के एक हजार बस चलाने की अनुमति मांगी थी जिसे अब यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वीकार कर लिया है. यूपी सरकार ने एक हजार बसों के ड्राइवर और दूसरी जानकारी मांगी है. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी के दफ्तर ने यूपी मुख्यमंत्री के दफ्तर से संपर्क साधा है और ये जानकारी भेजी जा रही है.


इससे पहले सीएम योगी ने कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस से एक हजार बसों की सूची मांगी गई है लेकिन अभी तक कोई सूची नहीं मिली. ओछी राजनीति कांग्रेस नहीं करे.'' मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा, ''तब क्या कर रहे थे ये लोग...यानी शोषण भी करेंगे और फिर ईमानदारी का चेहरा भी दिखाएंगे...सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली...ये कहावत आज कांग्रेस नेतृत्व की हो गयी है.''


इस पर कांग्रेस ने पलटवार किया. यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ''योगी जी अभी तक झूठ से काम चला रहे थे. कह रहे थे कि हमने तीन दिन से सूची मांगी है बसों की. खैर हम तो बस लेकर खड़े थे. यूपी की जनता का धन्यवाद कि आपने दबाव बनाकर इस सेवा कार्य में अड़चन डालने वाले सीएम को सही फैसला लेने पर मजबूर किया. श्रमिक भाई-बहनों को राहत मिलनी जरूरी थी.''






बता दें कि प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने कहा था, ''पालयन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है. इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वहन करेगी. महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों की चलाने की अनुमति चाहते हैं.''


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