लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि विपक्ष का महागठबंधन इसके घटकों बसपा, सपा और रालोद की निराशा का नतीजा है क्योंकि पिछले आम चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. योगी ने आरोप लगाया कि महागठबंधन के सदस्य अपने शासन के समय के दंगों और अराजकता जैसे वास्तविक मुददे उठाने की बजाय झूठ बोल रहे हैं.


उन्होंने कहा कि बीजेपी विरोधी गठबंधन, जिसमें बसपा, सपा और रालोद शामिल हैं, को मतदाता नकार देंगे.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व के चुनावों में पराजय की निराशा के कारण ही उक्त दलों ने गठबंधन किया है. जनता उन्हें स्वीकार नहीं करेगी. 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनावों में वे बुरी तरह पराजित हुए थे.


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उन्होंने कहा कि देवबंद की रैली में उनकी हताशा साफ नजर आयी. 'मुझे हैरत हुई कि रैली में शामिल नेताओं ने, चाहे मायावती हों, अखिलेश यादव हों या अजित सिंह हों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दंगों का मुददा नहीं उठाया.'


बता दें कि रविवार को महागठबंधन ने सहारानपुर के देवबंद में पहली संयुक्त रैली की थी.


योगी ने सवाल किया, 'उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल के समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अराजकता और कानून व्यवस्था की खराब स्थिति का मुददा क्यों नहीं उठाया.'


उन्होंने आरोप लगाया कि 'डार्क जोन' के नाम पर बसपा-सपा के शासन के समय किसानों को बिजली नहीं दी गयी. गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान नहीं हुआ. रैली में उक्त दलों के नेताओं ने ये मुददे क्यों नहीं उठाये. इन सभी तथ्यों से पता चलता है कि उनका ध्यान वास्तविक मुददों पर नहीं है.


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योगी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों पर चर्चा क्यों नहीं हुई. उस समय सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस के लोग कहां थे. दु:खद है कि उनमें जनता के सामने तथ्य रखने की हिम्मत नहीं है. अपना अस्तित्व बचाने के लिए ये दल झूठ बोल रहे हैं.


योगी ने कहा कि बसपा और रालोद 2014 के आम चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाये थे. इस साल भी उनका वही हश्र होगा.


उन्होंने इन आरोपों से इंकार किया कि भाजपा को सत्ता का नशा हो गया है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम गरीब, वंचित, दबे कुचलों, किसानों, महिलाओं, ग्रामीणों और समाज के हर वर्ग की बेहतरी को लेकर चिन्ता करते हैं. हम सबका साथ सबका विकास में भरोसा करते हैं.’’


बसपा सुप्रीमो मायावती के 'गैर जिम्मेदाराना चौकीदारी' वाली टिप्पणी पर योगी ने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खडा है और मोदी का कोई विकल्प नहीं है.


मायावती ने उक्त टिप्पणी तब की थी, जब केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि राफेल युद्धक जेट सौदे से जुडे दस्तावेज चोरी हो गये हैं.


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योगी ने कहा कि जो लोग 38 और 37 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, प्रधानमंत्री पद के सपने देख रहे हैं. इससे अधिक हास्यास्पद और कुछ नहीं हो सकता. किसी भी दल या गठबंधन के लिए आवश्यक है कि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए कम से कम 272 लोकसभा सीटें हासिल करे.’’


उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती बसपा संस्थापक कांशीराम को भूल गयी हैं और उन्हें गरीबों की कोई चिन्ता नहीं है.


योगी ने सवाल किया कि मायावती कैसे भूल सकती हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान 21 चीनी मिलें औने पौने दाम में बेच दी गयी थीं और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और रालोद के समय जो चीनी मिलें जबरन बंद कर दी गयी थीं, उन्हें हमने चालू कराया है.


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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चुनौती दे रहे हैं कि 55 वर्ष के कामकाज की तुलना 55 महीने से करके दिखाइये. वे इस पर चर्चा से क्यों बच रहे हैं. उन्हें हार नजर आ रही है और इसलिए ईवीएम को दोषी ठहराने का प्रयास कर रहे हैं.


उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए मतदान सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच होगा. परिणाम 23 मई को घोषित होंगे.