लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार मदद करे तो अगले दो साल में हम हर गांव और हर घर तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचा देंगे और राज्य सरकार इस पर चरणबद्ध तरीके से कार्य शुरू भी कर चुकी है.
मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये बात की.
योगी ने कहा कि इस योजना के लिए पेयजल की समस्या से जूझ रहे प्रदेश के इलाकों को चार भागों में बांटा गया है. पहले चरण में बुंदेलखंड के जिले, दूसरे चरण में विंध्याचल के जिले, तीसरे चरण में पूर्वांचल के जिले और चौथे चरण के तहत गंगा और यमुना बेसिन के आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित जिलों को चुना गया है.
उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे चरण के लिए क्रमश: 9 हजार करोड़ और 6700 करोड़ रुपये का डीपीआर भी तैयार कर लिया गया है. केन्द्र सरकार से धनराशि मिलते ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा.
प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल की व्यवस्था और हैंडपंप की मरम्मत के लिए ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार से मिलने वाली धनराशि की जवाबदेही तय की जाये.
‘नमामि गंगे’ परियोजना के कार्य की सुस्त गति पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे जो भी 25 जिले हैं, वहां के जिलाधिकारी कार्य योजना बनाकर ईमानदारी से इस पर अमल करें.
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर मुख्यमंत्री योगी की सराहना करते हुए कहा कि दो वर्षों में योगी ने जिस ढंग से इस अभियान को प्रदेश में चलाया है, वह तारीफ के काबिल है। उन्होंने कहा कि गंगा सिर्फ पांच राज्यों का मसला नहीं है. गंगा देश के करोड़ों लोगों के आस्था का सवाल है. मुख्य सचिव हर परियोजना के अनुसार उसके पूरा होने की समय सीमा तय करें और उसे केंद्र के अधिकारियों के साथ साझा करें.
जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद योगी और केंद्रीय मंत्री शेखावत ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को बुधवार को हुई बैठक के विषय में जानकारी दी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर 22 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन को भी सफल बनाया जाएगा.उन्होंने कहा कि गंगा का बहाव क्षेत्र सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए गंगा की स्वच्छता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यहां के नागरिकों की बनती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरते भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए भी प्रदेश सरकार तैयारी कर रही है.
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