लखनऊ: मंगलवार को विधानसभा में योगी सरकार ने बजट पेश किया. इस बजट में बाकी के तमाम मुद्दों पर तो फोकस किया गया लेकिन इस बजट में महिलाओं के कल्याण से जुड़ी घोषणाओं का अभाव देखने को मिला. इस बजट में निराश्रित महिलाओं के लिए पेंशन शुरू करना जरूर एक अच्छा कदम है, लेकिन उन महिलाओं के बारे में नहीं सोचा गया जो नौ महीने से बिना वेतन के प्रदेश भर की महिलाओं की परेशानियों को दूर करने का काम कर रही हैं.


इस बार के बजट में 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना' के लिए एक हजार 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ये रकम निर्धन परिवारों को बेटियों की शादी के लिए दी जाती है. इसके अलावा निराश्रित महिला पेंशन योजना के अंतगर्त निराश्रित महिलाओं और उनके बच्चों के भरण पोषण के लिए 500 करोड़ की रकम का प्रावधान किया गया है. योजना के अंतगर्त एक हजार 432 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. साथ ही वृद्ध एवं निराश्रित महिलाओं के पुनर्वास एवं जीवन यापन के लिए स्वाधार गृह योजना के संचालनबक प्रस्ताव भी बजट में पेश किया गया है.


गौरतलब है कि बजट से पहले सोमवार को नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने 181 महिला हेल्पलाइन के ठप होने का मुद्दा उठाया था. यह भी कहा था कि करीब नौ महीने से यहां काम करने वाली महिला कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि बजट में निश्चित रूप से इस हेल्पलाइन को सरकारी मदद मिलेगी, लेकिन फिलहाल इन महिलाओं को बजट से निराशा हाथ लगी है.


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