अलीगढ़ कांड: हटाए गए टप्पल के सर्किल ऑफिसर, इंटरनेट सेवाएं बंद- अब तक चार गिरफ्तारियां
बता दें कि बच्ची का शव उसके लापता होने के तीन दिन बाद दो जून को कूड़े के ढेर में मिला था. बच्ची के पिता ने आरोप लगाया था कि उसकी हत्या इसलिये की गई क्योंकि वह आरोपियों को 10 हजार रुपये का कर्ज लौटाने में नाकाम रहा था.
अलीगढ़: अलीगढ़ कांड के बाद योगी सरकार एक्शन मोड में है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए टप्पल के सीओ (सर्किल ऑफिसर) का तबादला कर दिया गया है. संदीप दीक्षित टप्पल के नए सीओ होंगे. इसके साथ ही इलाके की इंटरनेट सेवाएं रात 12 बजे तक के लिए बंद कर दी गई हैं. इंटरनेट सेवाओं पर 09/06/2019 को शाम 5 बजे से रोक लगी हुई है.
पुलिस लगातार मामले की जांच में लगी हुई है. इस कांड के चौतरफा विरोध के साथ-साथ आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग भी की जा रही है.
इस अवधि में इंटरनेट से सभी लूप लाइन और लीज लाइन भी निष्क्रिय रहेंगीं. बीएसएनएल सहित सभी इंटरनेट सर्विस प्रदाता कम्पनी इंटरनेट सेवा देने का कार्य नहीं करेंगीं. ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोई भी उपद्रवी या असमाजिक शख्स किसी मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई अफवाह ना फैला सके. और ना ही घटना से जुड़ी कोई झूठी फोटो या वीडियो शेयर कर पाए.
क्या है पूरा मामला
अलीगढ़ के टप्पल इलाके में एक गरीब परिवार रहता है. बच्ची के पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. ढाई साल की बच्ची 30 मई को उस वक्त गायब हो गई जब वो घर के बाहर खेल रही थी. उसके पिता और बाकी लोगों ने उसकी तलाश की और बच्ची जब कहीं नहीं मिली तो परिवार के लोग पुलिस के पास पहुंचे.
पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया और बच्ची की तलाश शुरु कर दी. पुलिस और बच्ची के परिजन लगातार उसकी तलाश कर रहे थे. इस बीच 2 जून को उसकी लाश कूड़े के ढेर में मिली. कुत्ते उसकी लाश को नोच रहे थे. बच्ची का सीधा हाथ जानवर खा चुके थे.
वहां कूड़ा डालने पहुंचे किसी ने इस मंजर को देखा. जब ये जानकारी बच्ची के पिता को हुई तो वो भी वहां पहुंचे और अपनी बच्ची को पहचान लिया. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने वहां जाम लगा दिया और प्रदर्शन करने लगी.
पुलिस ने मुख्य आरोपियों जाहिद (27) के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उसे चार जून को गिरफ्तार किया गया. जाहिद की पत्नी शगुफ्ता (32) और भाई मेहंदी हसन को आठ जून को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा पुलिस ने असलम (43) को चार जून को गिरफ्तार किया था, जिसके खिलाफ 2014 और 2017 में पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. वह उत्तर प्रदेश सरकार के गुंडा अधिनियम के तहत आरोपों का भी सामना कर रहा है.
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