लखनऊ: यूपी में माफिया और बाहुबलियों पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार नया क़ानून ला रही है. विधानसभा में आज योगी ने 'यूपीकोका विधेयक' (यूपी कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाईज्ड क्राईम ऐक्ट) पेश किया. समाजवादी पार्टी और बीएसपी इसका विरोध कर रही है. विपक्ष का कहना है कि विरोधियों को दबाने के लिए ये नया क़ानून बन रहा है


नए क़ानून में किसी भी अपराधी पर केस होने पर उसकी और उसके परिवार की संपत्ति जब्त हो सकती है. मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी अपराधियों को यूपी छोड़ देने की चेतावनी देते रहे हैं. मायावती जब यूपी की मुख्यमंत्री थी तब उन्होंने भी यूपीकोका क़ानून लाने की तैयारी की थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब वही मायावती इसका विरोध कर रही हैं.


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आरोप है कि इस क़ानून के बहाने योगी सरकार विरोधियों को परेशान करना चाहती हैं. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ''यूपीकोका नहीं ये धोखा है. फर्नीचर साफ करने के पाउडर को PETN विस्फोटक बताने वाले जनता को बहकाने में माहिर हैं. 9 महीनों में बीजेपी ने जन सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए न सिर्फ समाजवादी 'यूपी100' और महिला सुरक्षा की '1090हेल्पलाइन' को ,बल्कि समाजवादी विकास पथ पर बढ़ते प्रदेश को रोका है.


यूपी में क़ानून व्यवस्था हर सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है. योगी आदित्यनाथ इसके लिए पुलिस एनकाउंटर से लेकर यूपीकोका सब आजमा लेना चाहते हैं. महाराष्ट्र में भी माफिया डॉन से लड़ने के लिए मकोका क़ानून बना था.