नई दिल्लीः अपने दो विधायकों के पार्टी छोड़कर बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल होने जाने की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज जेडीयू के बागी और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उपेंद्र कुशवाहा का तेवर नीतीश कुमार को लेकर सख्त दिखा. उन्होंने बिहार के सीएम पर पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया. हालांकि, कुशवाहा ने साफ किया कि ऐसा करने में नीतीश कुमार सफल नहीं हो पाएंगे.
मुलाकात के बाद मीडिया से बतचीत करते हुए कुशवाहा ने कहा, ''नीतीश कुमार हमारे विधाकयों को अपनी पार्टी में शामिल करवाना चाहते हैं. वह मुझे और मेरी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं लेकिन वह ऐसा करने में सफल नहीं हो पाएंगे.''
याद रहे कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बिहार में राजनीतिक उठापटक जारी है. एनडीए के मौजूदा सीट शेयरिंग फॉर्मूले से कुशवाहा खासे नाराज चल रहे हैं.
कुशवाहा ने नीतीश को दी थी नसीहत
गौरतलब है कि रविवार को खबर आई थी कि आरएलएसपी के दो विधायक जेडीयू में शामिल हो सकते हैं. खबर को सामने आने के बाद उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर जमकर बरसे थे. उन्होंने कहा था, ''समेटिए नीतीश कुमार जी अपने लोगों को! केवल दहेज़ लेना-देना ही अपराध नहीं है बल्कि किसी पार्टी को डैमेज करने हेतु लोभ और प्रलोभन देना भी अपराध एवं घोर अनैतिक कुकृत्य है ! ऐसे में यह कोई नहीं मानेगा कि आपकी पार्टी में ऐसा कुकृत्य, आपकी सहमति के बगैर हो रहा होगा !''
विधायकों के जेडीयू में शामिल होने की खबर के बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री को नसीहत दी थी और कहा था कि जेडीयू हमारे विधायक को तोड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन उनकी ये कोशिश सफल नहीं होगी. उपेंद्र कुशवाहा ने ये भी कहा कि अमित शाह से मुलाकात के दौरान वह इस मुद्दे को उठाएंगे.
सीट बंटवारे पर हो चुका है फैसला
बता दें कि लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार की बैठक हुई थी. बैठक के बाद दोनों ने मिलकर फैसला किया था कि बिहार के 40 सीटों में दोनों दल बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इस तरह पहले से कम सीटें आरएलएसपी और एलजेपी के खाते में जाएंगी.
सीट शेयरिंग से नाखुश हैं कुशवाहा
बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के मुद्दे पर आरएलएसपी एनडीए से नाखुश है. कुशवाहा ने 9 नवंबर को कहा था कि उन्हें दो क्या तीन सीटें भी मंजूर नहीं. उनकी पार्टी की ताकत बढ़ी है, इसलिए सीटों को संख्या ज्यादा होनी चाहिए.
दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 40 सीटों में से 30 पर लड़ी थी और उसे 22 सीटों पर जीत मिली थी. एलजेपी और आरएलएसपी क्रमश: सात और तीन सीटों पर उतरी थीं और उन्होंने क्रमश: छह और तीनें सीटें जीती थीं. अब इस बार एनडीए के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू भी आ गई है. जेडीयू और बीजेपी ने बराबर की सीटों पर लड़ने का फैसला किया है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि रामविलास पासवान की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को कम सीटें मिलेंगी. कुशवाहा बिहार सरकार में भी भागीदारी की मांग कर रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा की नीतीश को नसीहतः कहा- विधायकों को तोड़ने की कोशिश सफल नहीं होगी