पटना: लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा फैसला किया है. इसे लेकर मोदी सरकार कल लोकसभा में संशोधन बिल भी पेश कर सकती है. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि चुनाव सामने है इसलिए ऐसी बात सामने आ रही है, ये पूरी तरह जुमलेबाजी है. इनकी जुमलेबाजी में लोग कतई भरोसा नहीं करने वाले हैं. आरएलएसपी अध्यक्ष ने कहा कि सवर्ण जमात के लोग इनसे अलग हो रहे हैं इसलिए ये ऐसा कह रहे हैं. ये बस आंख में धूल झोंक रहे हैं.


उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया, ''आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण मिले, मैं पक्षधर हूँ. पर जातीय जनगणना रिपोर्ट को प्रकाशित कर अन्य समूह के लोगों को भी संख्या अनुपात में आरक्षण मिले. सरकार द्वारा आज की यह घोषणा  2019 चुनाव के परिपेक्ष्य में जुमला न सिद्ध हो. सवर्ण समाज भी जुमलेबाजों से दूर जा चुके है.''





हालांकि कुशवाहा ने ये भी कहा कि संविधान में 50 फीसदी आरक्षण का जो बैरियर है उसे तोड़ा जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये मांग की कि जातिय जनगणना, सामाजिक जनगणना और आर्थिक जनगणना हुई है उसकी रिपोर्ट प्रकाशित होनी चाहिए. ओबीसी की जितनी संख्या है उसके अनुपात में जितना आरक्षण मिलना चाहिए वो देना चाहिए.