नई दिल्लीः महागठबंधन को मजबूत करने की कोशिश में लगे बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को झटका लगा है. तेजस्वी यादव पिछले कुछ समय से उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी को महागठबंधन में लाने की कोशिश कर रहे थे. रविवार को उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को औपचारिक रूप से ट्वीट करते हुए महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता दिया था जिसे उपेंद्र कुशवाहा ने साफ तौर पर ठुकरा दिया है. उन्होंने तेजस्वी यादव के ऑफर को ठुकराते हुए कहा कि महागठबंधन जाने का उनका कोई विचार नहीं है.


ट्वीट कर तेजस्वी ने की थी कुशवाहा को साथ लेने की कोशिश


रविवार को तेजस्वी यादव ने लगातार तीन ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि केंद्रीय राज्यमंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा को हम महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता देते है. उन्होंनें उपेंद्र कुशवाहा को अपने साथ लाने के लिए उनकी तारीफ करते हुए ट्विटर पर लिखा कि उपेंद्र कुशवाहा जी एक बड़े सामाजिक समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन उस वर्ग से किसी को भी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया वहीं दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार मे एक जाति के एक दर्जन से ज़्यादा कैबिनेट मंत्री है. पिछड़े वर्ग से आने वाले कुशवाहा जी की क़ाबिलियत को बीजेपी ने तवज्जो नहीं दी.





एनडीए के महाभोज में नहीं शामिल हुए थे उपेंद्र कुशवाहा


दरअसल 7 जून को एनडीए की तरफ से दिए गए महाभोज में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा शामिल नहीं हुए थे जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि कुशवाहा नीतीश कुमार और बीजेपी से नाराज़ चल रहे हैं. हालांकि कुशवाहा ने साफ कर दिया था कि बिहार में एनडीए एकजुट है और आगे भी रहेगा. रात्रि भोज के ठीक दूसरे दिन शुक्रवार को दिल्ली से पटना पहुंचे कुशवाहा ने आरएलएसपी के एनडीए से अलग होने की उठ रही अफवाहों का भी पुरजोर खंडन किया था.


बीते दिनों उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने बीजेपी से 40 में से 5 सीटें मांगी थी, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह अफवाह थी कि सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी तो कुशवाहा आरजेडी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं. हालांकि कुशवाहा ने खुद महागठबंधन में शामिल होने को लेकर कोई संकेत नहीं दिए थे.


बिहार में कुछ यूं बदल गया है सीटों का समीकरण


बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं जिसमें 31 सीटों पर एनडीए का कब्जा है. वहीं फिलहाल कुशवाहा की पार्टी के तीन सांसद भी साल 2014 में चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंच चुके हैं. गौर करने वाली बात ये है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी ने बिहार में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वहीं तब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं थी. लेकिन पिछले साल जेडीयू के एनडिए में शामिल होने की वजह से सीटों का समीकरण बदल गया है.