पटना: आरएलएसपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के 'सियासी खीर' वाले बयान ने बिहार की राजनीति को गरमा दिया है. पहले तो उन्होंने खीर बनाने के लिए यदुवंशियों से दूध मांगा तो अब लालू यादव पर वे नरम दिखे. कुशवाहा ने कहा कि लालू यादव की छाया को दुतकार कर के उनके कुनबे के वोट हासिल नहीं कर सकते. उधर बीजेपी ने कुशवाहा के खीर बनाने का समर्थन किया लेकिन लालू को भ्रष्टाचारी बताया तो वहीं जेडीयू ने माना कि कुशवाहा का मन डोल रहा है. जबकि आरजेडी ने तो कुशवाहा के महागठबंधन में आने का समय भी तय कर दिया.
उपेंद्र कुशवाहा ने क्या कहा?
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि चीजों की व्याख्या सही तरीके से की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ''खीर बनाने में यदुवंशियों का दूध, कुशवंसियों का चावल, अतिपिछड़ों से पंचमेवा, ब्रह्मार्षियों से चीनी, दलित समाज के घर से तुलसी का पत्ता और अल्पसंख्यक के घर का दस्तरखान जिसपर समाज के सभी वर्ग के लोग खीर बनाकर बैठकर आराम से खाएं. यानि सबको बराबर हिस्सा मिले. यहीं समाजिक न्याय है. ऐसा वातावरण होगा तभी देश, राज्य और समाज बनेगा. हमने किसी समाज या दल के बारे में बात नहीं की है. इसमें आरजेडी कहां है, मेरे बात का इसी रूप में अर्थ निकाला जाना चाहिए.''
कुशवाहा ने साफ किया कि उन्होंने न आरजेडी से दूध मांगा है और न ही बीजेपी से चीनी मांगी है. उन्होंने कहा कि यादव समाज उसी के साथ रह सकता है, जो समाजिक न्याय की बात इमानदारी से करता है. दोस्ती हम गाली देकर नहीं कर सकते हैं. हम कुछ लोगों की तरह नहीं हैं कि लालू यादव की छाया को दुतकारो और समाज में नफरत फैलाओ. समाज में नफरत फैलाने में हम विश्वास नहीं रखते हैं. हम चाहते हैं कि सबलोग हमारे साथ आएं. आरएलएसपी मजबूत होगी तो एनडीए मजबूत होगा तो नरेन्द्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे. हम चाहते हैं समाज के सभी लोगों का समर्थन मिले तभी नरेन्द्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे.
एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं कुशवाहा: आरजेडी
वहीं आरजेडी ने कहा कि महागठबंधन में जगह खाली है लेकिन सीएम की उम्मीदवारी पर कन्नी काट गए. आरजेडी नेता भाई बीरेन्द्र ने कहा कि दूध से खीर भी बनता है और पंचमेवा भी बनता है. पंचमेवा का मतलब दलित, महादलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक ही पंचमेवा है. कुश से चावल भी बन जाएगा और दूध हमारे पास है. उससे खीर भी बन जाएगा. आरजेडी नेता ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल होने वाले हैं. वो एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं. नरेन्द्र मोदी और उस कुनबे के लोग संविधान से छेड़छाड़ कर रहे हैं. उस छेड़छाड़ को कुशवाहा बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री पद के सवाल पर भाई बीरेंद्र ने कहा कि हमारे यहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की लड़ाई नहीं है. अभी सीट बंटवारे की कोई चर्चा नहीं है. समय आने पर सब हो जाएगा.
नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनाना चाहते हैं कुशवाहा: महेश्वर हजारी
जेडीयू के प्रवक्ता अब उपेंद्र कुशवाहा पर कुछ नहीं कह रहे लेकिन मंत्री महेश्वर हजारी उनके मन के डगमगाने को बात जरूर कह रहे हैं. बिहार सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी ने उपेन्द्र कुशवाहा के खीर वाले बयान पर कहा कि उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया है. उन्होंने सभी समुदायों को एक साथ लेकर चलने की बात कही है. वो आज भी नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा अभी एनडीए नहीं छोड़ना चाहते हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि उनकी निगाह एनडीए में सीट बंटवारे और 2020 में बिहार के मुख्यमंत्री पद भी है. उपेंद्र कुशवाहा के निशाने पर नीतीश कुमार भी हैं. बीजेपी के हर कदम पर निगाह है. ऐसे में जब तक बीजेपी अपने पत्ते नहीं खोलती तब तक कुशवाहा इसी तरह दबाव की राजनीति चमकाते रहेंगे.