पटना: केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए गुरुवार को पटना से दिल्ली रवाना हुए. दिल्ली में वे शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से इस मुद्दे पर मुलाकात कर बात कर सकते हैं. पटना से रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, ''मैं दिल्ली जा रहा हूं ताकि अमित शाह से मिलने का समय मिले और उनसे मुलाकात हो सके. अभी तक मैंने पीएम से मिलने का समय नहीं मांगा है. पहले मेरी अमित शाह से मुलाकात हो जाए. मौजूदा हालात में मैं एनडीए में कम्फर्टेबल हूं. दूसरे के बारे में नहीं कह सकता.''
कुशवाहा ने साफ किया कि एनडीए का मतलब सिर्फ नीतीश कुमार नहीं है. उन्होंने कहा, ''अगर नीतीश कुमार मुझे नीच कहेंगे तो ऐसे में ये अहम नहीं रह जाता कि मैं कहां हूं. सबसे पहले स्वाभिमान है. शुरुआत उधर से हुई है, मैंने कुछ भी शुरू नहीं किया है. जेडीयू की पुरानी कोशिश है कि आरएलएसपी को निचोड़ दिया जाए और खत्म कर दिया जाए. मेरा नीतीश कुमार से सिर्फ एक मुद्दे पर मतभेद है लेकिन उसका मतलब ये नहीं कि महागठबंधन से मेरी करीबी है.'' उधर आरजेडी नेता और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जासूसी का आरोप लगाया है. कुशवाहा ने तेजस्वी के जासूसी के आरोपों पर जवाब नहीं दिया.
इसके साथ ही कुशवाहा ने सुशील मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के एक नेता ने नीतीश कुमार के बचाव में मेरे ऊपर गलत आरोप लगाया इसलिए मेरे लिए जरूरी था कि मैं उनके आरोपों का जवाब दूं ताकि जनता के बीच में गलत संदेश न जाए.
आरएलएसपी अध्यक्ष ने कहा कि शनिवार को पटना में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक है जिसमें नीतीश कुमार के बयान, सीट शेयरिंग और तमाम मुद्दों पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बात होगी. जो लोगों का मत होगा उसपर फैसला लिया जाएगा. अगर मेरे विधायक ने नीतीश कुमार से मुलाकात की तो उसमें कोई गलती नहीं है लेकिन उनको मंत्री बनाने और तमाम दूसरे प्रलोभन दिए गए वो गलत था.
कुशवाहा ने कहा कि आरएलएसपी ने ज्यादा नीतीश कुमार को बीजेपी क्यों महत्व दे रही है इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को देश का अगला पीएम होना जरूरी है और हम भी वही चाहते हैं. जब उनसे पूछा गया कि आपके पुराने सहयोगी अरुण कुमार ने आपका समर्थन किया है तो उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वो चाहते हैं कि पूरा देश उनके समर्थन में खड़ा रहे.