पटना: आरएलएसपी मुखिया और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने आज ऐलान कर दिया कि वो अगले साल मई तक मंत्री की कुर्सी पर बने रहेंगे. पहले सीट शेयरिंग और फिर नीतीश कुमार से कथित तौर पर 'अपमानित' होने का दर्द झेल रहे उपेंद्र कुशवाहा के सुर दिन-ब-दिन नरम होते जा रहे हैं. कभी सीट शेयरिंग के मुद्दे पर अड़ियल रुख अख्तियार करने वाले कुशवाहा ने बीजेपी आलाकमान को 30 नवम्बर तक का अल्टीमेटम दिया था लेकिन बावजूद इसके न तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें मिलने का समय दिया.


इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने यू-टर्न लेते हुए एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में दो दिन पहले एक नई शर्त रखी कि अगर बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में उनकी 25 सूत्रीय मांग मान ले तो वह सीट शेयरिंग और 'अपमान' का मुद्दा छोड़कर एनडीए में बने रहेंगे. कुशवाहा के इस बयान के बाद शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा और जेडीयू प्रवक्ताओं ने उपेंद्र कुशवाहा की मांगों पर उन्हें ही घेर लिया. जेडीयू ने आरोप लगाया कि 4 साल से ज्यादा समय तक केंद्र में शिक्षा मंत्री रहने के बावजूद उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के लिए कुछ भी नहीं किया और सुझाव देने में उन्होंने काफी देरी कर दी है.


सोमवार को पटना में जेडीयू के इन्हीं आरोपों का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर जमकर बरसे, उन्होंने बिहार में किए हुए अपने काम गिनाते हुए नीतीश सरकार पर अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार सरकार उनकी कोशिशों में लगातार अड़ंगा लगाती रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार खुद कुछ काम नहीं करते और दूसरे को भी नहीं करने देते.


उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर नौटंकी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा के साथ जैसा खिलवाड़ नीतीश कुमार ने किया है वैसा भारत के इतिहास में शायद ही किसी ने किया होगा. इतना ही नहीं उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार को शिक्षा के मुद्दे पर बहस करने का ओपन चैलेंज दे दिया और कहा कि अगर बहस में वो थोड़ा सा भी गलत साबित हो गए तो सीट शेयरिंग क्या, राजनीति से ही सन्यास ले लेंगे.


उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य सरकार पर बहाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुझाव देने में उन्होंने देर नहीं की है, बिहार सरकार के अभी भी 2 साल बचे हुए हैं और वो खुद भी अगले साल मई तक मंत्री बने रहेंगे. जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि क्या वो इस्तीफा नहीं देंगे, इसके जवाब में उन्होंने दो-टूक कहा कि उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का अधिकार सिर्फ प्रधानमंत्री के पास है, बाकी किसी के करने से कुछ नहीं होता.


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