पटना: बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के लिए मचे घमासान में नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे उपेंद्र कुशवाहा को अपनी पार्टी के नेताओं का साथ नहीं मिल रहा है. पहले उनकी पार्टी के विधायकों की जेडीयू से नजदीकियां सामने आई और अब उनकी पार्टी से ही सीतामढ़ी के सांसद राम कुमार शर्मा ने स्पष्ट कह दिया है कि वो लगातार नीतीश कुमार के संपर्क में हैं. हालांकि उन्होंने जेडीयू से किसी भी तरह के ऑफर को सिरे से नकार दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि आने-जाने की बात तब होगी जब हम दूसरे टर्म पर बात करेंगे.
राम कुमार शर्मा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार में बात इतनी भी नहीं बिगड़ी है कि जिसे सुलझाया नहीं जा सकता. पीएम मोदी की मध्यस्थता से विवाद तो समाप्त कराया ही जा सकता है. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा भले कह रहे हों कि उनकी पार्टी को 3 से ज्यादा सीटें चाहिए लेकिन हमारी पार्टी 3 सीटों पर भी मान जाएगी. हमारी पार्टी के नेता केंद्रीय मंत्री हैं, हमारे एक सांसद चले गए फिर भी उपेंद्र कुशवाहा जी की मंत्री की कुर्सी बरकरार रही, इसलिए हम लोग के मन में ये सभी चीजें हैं.
राम कुमार शर्मा ने आगे कहा, "उनकी पार्टी में कुछ बेरोजगार लोग शामिल हो गए हैं जो चाहते हैं कि बस ज्यादा से ज्यादा सीटें मिल जाये भले वो जीते चाहे हारें. उन लोगों को पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा के भविष्य से कोई मतलब नहीं है.
राम कुमार शर्मा से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर सियासी हमाला करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार हमारी पार्टी को तोड़ने में लगे हैं. बीजेपी से इसको लेकर शिकायत की है. विधायकों से क्या डील हुई ये मुझे नहीं पता है. हमारे बढ़ते जनाधार से सभी घबराए हुए हैं. मेरे विधायको को तोड़ने का काम किया गया है. जनता सब देख रही है. उपेंद्र कुशवाहा की असली नाराजगी सीट बंटवारे को लेकर है. बिहार एनडीए सीट बंटवारे में बीजेपी को 17, जेडीयू को 17, राम विलास पासवान की लोकजन शक्ति पार्टी को 4 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी को 3 सीटें दी गई है.
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