नई दिल्ली: जीतन राम मांझी की पार्टी में उठापटक के बाद महागठबंधन के दूसरे दल उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी में भी दरार आ गई है. आरएलएसपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि को दल विरोधी गतिविधियों की वजह से तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है. इसके साथ ही नागमणि से इसको लेकर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है. आरएलएसपी की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में नागमणि से कहा गया है कि वे तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं पार्टी से उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी जाए.


दरअसल शुक्रवार की सुबह नागमणि और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम में साथ देखे गए. इसी मामले में उपेन्द्र कुशवाहा ने एबीपी न्यूज़ से फोन पर कहा कि उनके समर्थकों का दबाव था. पार्टी के लोगों ने कहा कि एक तरफ उपेन्द्र कुशवाहा का नीतीश सरकार पर आरोप था कि उन्हें जान से मारने की कोशिश कर रही है, दूसरी तरफ बड़े नेता नागमणि उनके साथ हंसकर बातें कर रहे हैं. पार्टी ने तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया और प्रथमिक सदस्यता से हटाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया.






बता दें कि जब एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही थी तब नागमणि ने बीजेपी पर खूब निशाना साधा था. उस समय आरएलएसपी एनडीए का हिस्सा थी. नागमणि ने कहा था कि आरएलएसपी, बीजेपी की गुलाम नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया था. इसके अलावा वे उपेंद्र कुशवाहा को सीएम पद का दावेदार बता चुके हैं.


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