नई दिल्ली: हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होकर विपक्षी दलों के सुर में सुर मिलाने वाले उपेंद्र कुशवाहा को अपनी ही पार्टी के विधायकों से बड़ा झटका मिला है. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के तीन विधायकों ने एनडीए के साथ जाने का फैसला किया है. जिसमें विधानसभा सदस्य सुधांशु शेखर और ललन पासवान शामिल हैं. एक विधान परिषद सदस्य संजीव श्याम सिंह ने भी उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया है. बिहार विधानसभा में आरएलएसपी के मात्र 2 विधायक हैं.


तीनों ने पार्टी पर भी अपना दावा किया है. श्याम सिंह ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा व्यक्तिगत राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं. बागी विधायकों ने पार्टी सिंबल, दफ्तर पर दावा ठोका. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो निर्वाचन आयोग का भी दरवाजा खटखटाएंगे.


उन्होंने एनडीए के बिहार नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरएलएसपी को एनडीए में कोई हिस्सेदारी नहीं मिली है. न मंत्रिमंडल में जगह दी गई और न ही एनडीए की बैठक में बोलने का अवसर मिला. बिहार में एनडीए का नेतृत्व इसपर ध्यान दे. मंत्रिमंडल में स्थान मिले. बोर्ड, निगम, बीस सूत्री कमेटी में आरएलएसपी को जगह दिया जाए. श्याम सिंह ने कहा कि रामविलास पासवान कि पार्टी लोजपा को एनडीए में हिस्सेदारी मिली है. हमें उपेक्षित किया गया.


राहुल गांधी के नेतृत्व पर बोले उपेंद्र कुशवाहा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता


आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगा चुके हैं. अब आरएलएसपी के विधायकों ने कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.