नई दिल्लीः बिहार की सियासत को लेकर बड़ी खबर आ रही है. एनडीए में सीट शेयरिंग से नाराज़ आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी के दोनों विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में शामिल होने जा रहे है. बताया जा रहा है कि सुधांशु शेखर जेडीयू में हाल ही में शामिल हुए प्रशांत किशोर से कई दिनों से संपर्क में थे और अब उन्होंने ललन पासवान के साथ जेडीयू में शामिल होने का फैसला कर लिया है. सूत्रों के हवाले से ये खबर आई है.
दिलचस्प बात ये है कि उपेंद्र कुशवाहा को ये झटका ऐसे वक्त लगा है कि जब वो बीते कई दिनों से एनडीए में 2019 लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर हुए फैसले पर अपनी नाराजगी खुलकर दिखा रहे हैं. वो लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं. इस बीच उनके दोनों विधायक की पार्टी छोड़ने और नीतीश से हाथ मिलाने की खबर खासी चौंकाने वाली है.
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरएलएसपी ने एनडीए गठबंधन के साथ कुल 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. खास बात ये है कि आज उपेंद्र कुशवाहा ने रामविलास पासवान से मुलाकात की थी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का वक्त मांगा था और ऐसे में ये खबर आ गई है.
उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों ने नीतीश कुमार के खिलाफ निकाला था जुलूस
आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ बयान देते आए हैं और उनसे असंतुष्ट रहे हैं. कल ही उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ पटना में जुलूस निकाला था और जुलूस में उपेंद्र कुशवाहा जिंदाबाद, नीतीश कुमार मुर्दाबाद, कुशवाहा समाज को नीच कहना बंद करो, कुशवाहा समाज जिंदाबाद, पलटू राम मुर्दाबाद, चोर-उच्चकों की सरकार नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए गए थे. उन समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से सवाल भी पूछा था कि ये कैसा सुशासन है.
बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को पहले से ही जानकारी थी कि उनकी पार्टी के कुछ नेता जेडीयू के संपर्क में हैं लेकिन शायद उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी पार्टी के ये दो विधायक जेडीयू में शामिल हो जाएंगे. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के जेडीयू में शामिल होने के बाद इस घटनाक्रम के कुछ खास ही मायने हैं क्योंकि 2019 चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर बिहार में अभी तक एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है.
सीट शेयरिंग
बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के मुद्दे पर रालोसपा एनडीए से नाखुश है. कुशवाहा पिछले दिनों तेजस्वी यादव से मिले थे. कुशवाहा ने 9 नवंबर को कहा था कि उन्हें दो क्या तीन सीटें भी मंजूर नहीं. उनकी पार्टी की ताकत बढ़ी है, इसलिए सीटों को संख्या ज्यादा होनी चाहिए.
दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 40 सीटों में से 30 पर लड़ी थी और उसे 22 सीटों पर जीत मिली थी. एलजेपी और आरएलएसपी क्रमश: सात और तीन सीटों पर उतरी थीं और उन्होंने क्रमश: छह और तीनें सीटें जीती थीं.
अब इस बार एनडीए के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू भी आ गई है. जेडीयू और बीजेपी ने बराबर की सीटों पर लड़ने का फैसला किया है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि रामविलास पासवान की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को कम सीटें मिलेंगी. कुशवाहा बिहार सरकार में भी भागीदारी की मांग कर रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों ने सीएम नीतीश के खिलाफ निकाला जुलूस, लगाए 'पलटू राम मुर्दाबाद' के नारे