लखनऊ: यूपी विधानासभा में आज बिजनौर की कोर्ट में हुए गोलीकांड और विधायकों की ना सुनी जाने को लेकर विवाद हुआ. राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस के सभी सदस्य जहां हाथों में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे वहीं समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने वेल में आकर अपना रोष व्यक्त किया. विपक्ष का आरोप है कि सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पूरी तरह फेल हो चुकी है. विपक्ष के इन आरोपों का ख़ुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया.
कांग्रेस विधायकों ने बांधी काली पट्टी
कांग्रेस ने आज काली पट्टी बांधकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया. ये विरोध प्रदर्शन प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर था. प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री कायर हैं जो किसी की सुनते नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज में बलात्कार रुक नहीं रहे, लड़कियों को जलाकर मार दिया जा रहा है, कोर्ट में गोलियां चल रही हैं और सरकार कुछ भी करने में समर्थ नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी सदस्य जब तक सदन चलेगा तब तक काली पट्टी बांधकर सदन आएंगे और अपना विरोध दर्ज कराएंगे.
नाराज बीजेपी विधायक ने क्या कहा
पिछले महीने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बताने वाले गाज़ियाबाद से बीजेपी विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने कल सदन में अपनी बात रखनी चाही तो उन्हें बोलने नहीं दिया गया. नतीजा यह हुआ कि डेढ़ सौ से ज़्यादा विधायक सरकार के ख़िलाफ़ सदन में विरोध करने लगे. हालांकि देर रात सीएम ने नाराज विधायक नन्द किशोर गुर्जर से मुलाक़ात कर उन्हें समझाया. आज नन्द किशोर गुर्जर ने सदन में कहा कि अधिकारियों और उनकी पत्नियों की संपत्तियों और अधिकारियों की पत्नियों के एनजीओ की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ईमानदारी पर कोई शक नहीं है लेकिन हमारे यहां 18 से 22 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है. उन्होंने दावा किया कि अधिकारी कहते हैं कि बीजेपी सरकार में 4 प्रतिशत कमीशन कम लिया जाता है. ज़िला गाज़ियाबाद में माफियाओं का बोलबाला है. जो बेईमानी की पुरानी परंपरा चली आ रही है, उसपर जांच कराकर कार्रवाई की जाए.
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को दिया जवाब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति की वजह से अपराधी या जेल में है या प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं. इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं. 2016 से अभी की तुलना करें तो डकैती में 9%, हत्या में 20%, बलवा में 27%, फिरौती और अपहरण में 46 फीसदी, दहेज में 3% और बलात्कार में 18% कई कमी आयी है. सभ्य समाज में महिलाओं पर अपराध स्वीकार्य नहीं हैं. हमने जब घोषित अपराधियों को उनकी भाषा मे जवाब देना शुरू किया तो सपा अध्यक्ष ने विरोध किया. सपा और अपराध का चोली दामन का साथ है. घोषित अपराधियों के मारे जाने पर कैंडल मार्च निकाले जाते हैं. उन्होंने कहा कि उन्नाव और बिजनौर की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं. हमने कार्रवाई की है और कार्रवाई जारी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ढाई साल में एक भी दंगा नहीं हुआ. योगी ने कहा कि सदन में काली पट्टी बांधकर आना शर्मनाक है और यह सदन की अवमानना के दायरे में आता है. जगह-जगह पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले नागरिकता कानून का विरोध करेंगे तो ये स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.
शिवपाल की पार्टी ने भी किया प्रदर्शन
इसी बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव पहुंचे और उनकी पार्टी ने संविधान बचाओ देश बचाओ को लेकर प्रदर्शन किया. नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ हो रहे इस प्रदर्शन में पुलिस ने पार्टी कार्यालय के दोनों ओर बैरीकेटिंग कर पार्टी कार्यकर्ताओं को सड़क पर आने से रोक दिया. प्रसपा कार्यकर्ता पैदल मार्च कर जीपीओ तक जाना चाहते थे.
विपक्ष कर रहा सरकार को घेरने की कोशिश
यूपी में दो दिन की सदन की कार्यवाही बची हुई है. माना जा रहा है कि बाक़ी बचे दोनों दिन भी विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा. सपा, बसपा और कांग्रेस बीते कुछ दिनों से लगातार सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने में लगे हुए हैं. कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी तो सपा से अखिलेश यादव और बसपा से मायावती ने ख़ुद इसकी बागडोर संभाल रखी है.