आगरा: ताजनगरी आगरा का उत्सव गौतम प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में छा चुका है. उत्सव गौतम ने यूपीएससी परीक्षा 2017 में मैदान मार लिया है. जैसे ही परीक्षा का परिणाम आया उत्सव के घर में जश्न का माहौल छा गया. उत्सव को पूरे देश में 33वीं रैंक मिली है. अपने चौथे प्रयास में आईएएस बनने वाले उत्सव ने परिणाम आने के बाद सबसे पहले अपने पिता स्वर्गीय डॉ.राजीव कुमार गौतम को याद किया. पिता ने ही उन्हें आईएएस बनने का सपना दिखाया था. उत्सव के घर पर इस समय बधाई देने वालों का तांता लग गया है.


उत्सव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की है. पहले प्रयास में मुख्य परीक्षा, तीसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे उत्सव को आखिरकार चौथे प्रयास में सफलता मिली. उत्सव गौतम मोहनपुरा के रहने वाले हैं. उनका घर ठीक डीएम आवास के पीछे है. जब भी वो वहाँ से गुजरते थे तो उनके पिता उन्हें डीएम बनने के लिये प्रेरित करते थे.


उत्सव गौतम के पिता स्वर्गीय राजीव कुमार गौतम, यूनिवर्सिटी में सीनियर टैक्निकल असिसटेंट के पद पर तैनात थे तो वहीं माँ साधना गौतम, बहनें खुशबू और शुचि गौतम के अलावा दादा जी भी रहते हैं. जहाँ एक बहन सरकारी स्कूल में टीचर है तो वहीं दूसरी आगरा यूनिवर्सिटी में क्लर्क के पद पर कार्यरत है.


उत्सव ने ना सिर्फ 14 से 16 घण्टे तक पढ़ाई की बल्कि उन्हें नींद ना आ जाए इसलिये वो खाने पर भी काफी कन्ट्रोल रखते थे और हमेशा हल्का फुल्का भोजन ही करते थे.


उत्सव शुरू से ही पढ़ाई में तेज रहे हैं. सन् 2007 में एयरफोर्स स्कूल से दसवीं की परीक्षा में उन्होंने टॉप किया था. 2009 में बारहवीं की परीक्षा आगरा पब्लिक स्कूल से उत्तीर्ण की थी. उत्सव ने 2009 से 2013 के दौरान आईआईटी पटना से इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया.


कैम्पस प्लेसमेंट में उनका चयन मथुरा रिफायनरी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पद पर हुआ लेकिन उन्हें तो आईएएस ही बनना था इसलिये उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिये दस माह बाद ही नौकरी से इस्तीफा दे दिया और वो कर दिखाया जिससे आज सबको उनपर गर्व है.


पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और महेन्द्र सिंह धोनी को अपना आईडियल मानने वाले उत्सव देश की जनता के लिये बहुत कुछ करना चाहते हैं. आईएएस बनने के बाद उत्सव पब्लिक और प्रशासन के बीच ब्रिज बनकर काम करना चाहते हैं. प्रशासन और जनता के बीच खाई को कम करना चाहते हैं. वो चाहते हैं कि शासन और प्रशासन की हितकारी सभी योजनाओं का लाभ देश के अन्तिम गाँव में रह रहे लोगों तक भी पहुँचे.


वहीँ आगरा के दूसरे होनहार बेटे वैभव शर्मा ने सिविल सर्विस की परीक्षा में 189वीं रैंक लाकर अपने साथ आगरा और पूरे प्रदेश में नाम रौशन किया है. दरसल वैभव शर्मा रेलवे कॉलोनी आगरा कैंट के रहने वाले हैं. इनके पिता राकेश बाबू शर्मा रेलवे में असिस्टेंट डिवीजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पद पर हैं और इनकी माता सरोज शर्मा ग्रहणी हैं.


वैभव शर्मा ने पांचवीं बार में यह सफलता हासिल की है. इस समय वैभव शर्मा सहारनपुर में SDM के पद पर तैनात हैं. वैभव शर्मा को चार बार निराशा हाथ लगी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पांचवी बार में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 189 रैंक प्राप्त की है.