गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के जिस बाब राघव दास मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे के दौरान 36 मासूमों की मौत हुई है, तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां का दौरा किया था. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही भरा रवैया नहीं छोड़ा. नतीजा 36 मासूमों की जान चली गई. हालांकि प्रशासन ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से मौत की बात को खारिज कर रहा है.


यूपी के अस्पतालों की लापरवाही 


गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में दो दिन के अंदर 36 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है. अस्पताल में भर्ती बच्चों की अचानक बड़ी संख्या में मौत की वजह के पीछे अब तक जो कारण सामने आया है, वो यूपी के अस्पतालों की लापरवाही को उजागर करता है. सूत्रों के मुताबकि, अस्पताल में अभी भी ऑक्सीजन सप्लाई की कमी है.


 

आज गोरखपुर जाएंगे कांग्रेस के बड़े नेता

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बबर आज गोरखपुर में बीआरडी कॉलेज का दौरा करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हादसे पर दुख जताया है.

सोनिया गांधी ने कहा है, ''इस भयावह त्रासदी से बड़ा दुख हुआ है और उन्हें उन बच्चों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है, जो प्रशासन की गंभीर लापरवाही और ढीठ आचरण के शिकार बन गए.  सोनिया ने इस अपराध का तत्काल संज्ञान लेने और दोषियों पर मामला दर्ज करने की अपील की.

वहीं, राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बहुत दुख हुआ। मेरी संवेदना ऐसे बच्चों के परिवारों के साथ है. बीजेपी सरकार जिम्मेदार है और उसे लापरवाही करने वालों को दंडित करना चाहिए जिनकी वजह से यह त्रासदी हुई.’’



योगी के मंत्री का ऑक्सीजन की सप्लाई ठप होने से इनकार


दावा है कि मेडिकल कॉलेज में दो दिन के भीतर तीस बच्चों की मौत की वजह अचानक 10 अगस्त की शाम ऑक्सीजन सप्लाई का रुक जाना है, क्योंकि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का पैसा बकाया था. हालांकि गोरखपुर के जिलाधिकारी बच्चों की मौत की सही वजह बताने के लिए जांच की रिपोर्ट का इंतजार करने की बात कर रहे हैं. वहीं, यूपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से मौत से इनकार कर रहे हैं. जब अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी थी और बच्चों की जान सिर्फ एक पंप के सहारे टिकी हुई थी.


गोरखपुर के पास बांसगांव के बीजेपी सांसद कमलेश पासवान को भी बच्चों की मौत के पीछे वजह ऑक्सीजन का ठप हो जाना लगती है. खुद जिलाधिकारी ने माना है कि अस्पताल की तरफ से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली का बकाया था.


लखनऊ की निजी कंपनी पुष्पा सेल्स पर है ऑक्सीजन सप्लाई का जिम्मा


गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई का जिम्मा लखनऊ की निजी कंपनी पुष्पा सेल्स का है. तय अनुबंध के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को दस लाख रुपए तक के उधार पर ही ऑक्सीजन मिल सकती थी. लेकिन गोरखपुर मेडिकल कॉलेज पर तो 66 लाख रुपए से ज्यादा बकाया था.


कंपनी ने मेडिकल कॉलेज को उधार चुकाने के लिए चिट्ठियां लिखी थी


छह महीने से कंपनी मेडिकल कॉलेज को उधार चुकाने के लिए चिट्ठियां लिख रही थी. एक अगस्त को ही कंपनी ने गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज चिट्ठी लिखकर ये तक कह दिया था, कि अब तो हमें भी ऑक्सीजन मिलना बंद होने वाली है. पैसा चुका दो.लेकिन पूरा अस्पताल प्रशासन सोता रहा और 10 तारीख को जैसे ही ऑक्सीजन सप्लाई रुकी, हड़कंप मच गया.


सरकार और अस्पताल प्रशासन ने अब अपनी गर्दन बचाने के लिए पिछले कुछ दिनों के दौरान अस्पताल में अलग-अलग वजहों से हुई मौत का आंकड़ा दिखाया है.


अस्पताल के मुताबिक 7 अगस्त को 9 बच्चों की मौत हुई. 8 अगस्त को अस्पताल में 12 बच्चों की मौत हुई. 9 अगस्त को अस्पताल में 9 बच्चों की मौत हुई. लेकिन अचानक 10 अगस्त को जिस दिन ऑक्सीजन की सप्लाई ठप हुई उसी दिन बच्चों की मौत का आंकड़ा 23 पहुंच गया है और इसके बाद भी 13 मासूम बच्चों की मौत हुई. अस्पताल में हुई मौत पर रिपोर्ट आज आने की उम्मीद है. प्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल कालेज के डॉक्टर चाहे लाख दावें करें, लेकिन तीन दिन में 36 मरीजों की मौत ने अस्पताल की लापरवाही उजागर कर दी है.