इलाहाबाद: पत्नी सारा के क़त्ल के आरोप में जेल में बंद समाजवादी पार्टी के पूर्व बाहुबली नेता अमनमणि त्रिपाठी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी सास सीमा सिंह अदालत कैम्पस के बाहर फूट- फूटकर रोईं. उन्होंने आरोप लगाया कि अमनमणि के पैसे और रसूख के चलते वह बेटी को इंसाफ दिलाने की जंग हारने लगी हैं.
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
सीमा सिंह ने बेटी सारा के मर्डर केस की जांच करने वाली एजेंसी सीबीआई पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सीबीआई की लापरवाही के चलते ही अमनमणि को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकी है. सीमा सिंह ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही हैं.
सीमा ने एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव व उनकी पार्टी के दूसरे नेताओं पर अमनमणि की खुलकर मदद करने का भी आरोप लगाया. उनका दावा है कि वह आख़िरी सांस तक बेटी को इंसाफ दिलाने की जंग लड़ती रहेगी. उन्होंने इस दौरान न्यायिक प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किये. हाईकोर्ट के बाहर सीमा सिंह ने कहा कि अमनमणि को जमानत मिलने से वह हैरान ज़रूर हैं, लेकिन उन्होंने अब भी हिम्मत नहीं हारी है.
समाजवादी पार्टी के रसूखदार नेताओं में होती थी अमनमणि की गिनती
गौरतलब है कि सीमा सिंह की बेटी सारा की शादी साल 2013 में यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि से हुई थी. शादी के वक्त अमनमणि की गिनती समाजवादी पार्टी के रसूखदार नेताओं में होती थी. नौ जुलाई साल 2015 को अमनमणि के साथ लॉन्ग ड्राइव पर जाते वक्त सारा की मौत सड़क हादसे में हो गई थी.
सारा की मौत के बाद उनके परिवार वालों ने इसे हादसे के बजाय क़त्ल बताते हुए पति अमनमणि पर ही आरोप लगाए थे. सारा की रहस्यमयी मौत की जांच बाद में सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई थी. सीबीआई ने अमनमणि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और उनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की थी. सीमा सिंह हर सुनवाई पर हाईकोर्ट में खुद हाजिर रहती थीं और अमनमणि की अर्जियों का विरोध करती थीं.