लखनऊ: यूपी का सियासी दंगल शुरु हो चुका है. पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ कुछ घंटे ही बचे हैं. ऐसे में तमाम राजनीतिक दल चुनावी रण में अपने-अपने दांव-पेंच के साथ उतर चुके हैं. सियासत के इस अखाड़े में कौन किसे पटखनी दे दे ये शायद कोई नहीं जानता है लेकिन इस चुनावी रण में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर जरुर लग गई है.


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कई दिग्गजों का राजनीतिक कद तय करेगा यह चुनाव


पश्चिमी यूपी में कई ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिन पर अपनी साख बचाने का दबाव है. इनमें से कुछ नेताओं पर अपनी सीट निकालने का दबाव है, तो कुछ पर अपने करीबियों को जीत दिलाने का. इतना ही नहीं यह चुनाव पश्चिमी यूपी में राजीनीतिक दलों के कई दिग्गजों का राजनीतिक कद तय करेगा. आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही दिग्गज नेताओं के बारे में जिनकी साख दांव पर है.


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शामली से कांग्रेस ने दिया पंकज मलिक को टिकट


यूपी की शामली सीट से बहुजन समाज पार्टी ने जहां मोहम्मद इस्लाम को टिकट दिया है. तो वहीं एसपी से गठबंधन के बाद ये सीट कांग्रेस के खाते में आ गई, जहां से कांग्रेस पार्टी ने पंकज कुमार मलिक को अपना कैंडिडेट बनाया है. उधर बीजेपी ने इस सीट पर तेजेंदर निरवाल पर दांव चला है. वर्तमान समीकरण के मुताबिक इस सीट पर तीनों ही प्रत्याशी एक-दूसरे को जबरदस्त टक्कर देते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि इससे पहले सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने यहां से मनीष चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया था.


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मेरठ में लक्ष्मीकांत वाजपेयी की रफीक और पंकज से टक्कर


पश्चिमी यूपी की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में एक है मेरठ की सीट. इस सीट पर बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पार्टी की कमान सौपी है तो वहीं सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने रफीक अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी और एसपी को कड़ी टक्कर देने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने पंकज जौली को टिकट दिया है. मेरठ के वर्तमान समीकरणों की बात करें तो तीनों ही प्रत्याशी एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं.


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संगीत सोम को सरधना में मिलेगी अतुल प्रधान और मो. इमरान से टक्कर


विवादों से घिरे रहने वाले बीजेपी नेता संगीत सोम की साख भी दांव पर लगी हुई है. भारतीय जनता पार्टी ने संगीत सोम को मेरठ की सरधना सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर जहां समाजवादी पार्टी ने अतुल प्रधान को तो वहीं बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मद इमरान को अपना उम्मीदवार बनाया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और हुकुम सिंह के अलावा संगीत सोम पर भी अपनी सीट के साथ ही अन्य सीटों पर पार्टी को जिताने का दारोमदार होगा.


मुजफ्फरनगर में BJP ने चला कपिल देव अग्रवाल पर दांव


मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी ने जहां कपिल देव अग्रवाल पर दांव चला है तो वहीं बीएसपी ने राकेश कुमार शर्मा को और समाजवादी पार्टी ने गौरव स्वरुप को अपना उम्मीदवार बनाया है.


बीएसपी ने खालिद नासिर को बनाया अपना उम्मीदवार


फिरोजाबाद में एसपी ने अजीम भाई, बीएसपी ने खालिद नासिर जबकि बीजेपी ने मनीष असीजा को अपना उम्मीदवार बनाया है. तो वहीं एटा से बीजेपी ने विपिन वर्मा(द्रविड़), बीएसपी ने गजेंद्र सिंह चौहान और एसपी ने जोगेंद्र सिंह पर दांव चला है. उधर कासगंज सीट से सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने इशरतउल्लाह शेखानी, बीएसपी ने अजय चतुर्वेदी और बीजेपी ने देवेंद्र सिंह लोधी को अपना कैंडिडेट बनाया है.


बागपत से BSP ने हामिद अहमद को बनाया अपना प्रत्याशी


यूपी के बागपत में बहुजन समाज पार्टी ने हामिद अहमद को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं 14 साल बाद सत्ता वापसी की कोशिशों में लगी भारतीय जनता पार्टी ने योगेश धामा पर दांव चला है. उधर कांग्रेस ने कुलदीप उज्जवल को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का काम किया है. इस सीट से समाजवादी पार्टी ने राजपाल सिंह को टिकट दिया था.


गाजियाबाद: कांग्रेस ने के के शर्मा को दिया टिकट


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित गाजियाबाद में भी इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. इस सीट पर कांग्रेस ने जहां के के शर्मा पर दांव चला है तो वहीं बीजेपी ने अतुल गर्ग को और बीएसपी ने सुरेश बंसल को अपना उम्मीदवार बनाया है.


नोएडा में सुनील चौधरी और रविकांत मिश्रा हैं पंकज सिंह की चुनौती


यूपी के मिशन 2017 की लड़ाई में नोएडा सीट भी अब काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिसके चलते गौतमबुद्ध नगर की नोएडा सीट यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ सिंह के लिए भी साख का विषय बन गई है. आपको बता दें कि इस सीट पर जहां समाजवादी पार्टी ने सुनील चौधरी पर दांव चला है तो वहीं बीएसपी ने रविकांत मिश्रा को टिकट देकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है.


मथुरा में प्रदीप माथुर और योगेश द्विवेदी हैं श्रीकांत शर्मा की अड़चन


मथुरा के वृंदावन विधानसभा सीट से बीजेपी ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा को मैदान में उतारा है. वृंदावन सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता श्रीकांत शर्मा के रास्ते में एक तरफ कांग्रेस के प्रदीप माथुर तो वहीं दूसरी तरफ बीएसपी के योगेश द्विवेदी अड़चन साबित हो सकते हैं. इतना ही नहीं श्रीकांत शर्मा को यहां राष्ट्रीय लोक दल के अशोक अग्रवाल से भी कड़ी चुनौती मिलेगी. आपको बता दें कि कांग्रेस से गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी वापस ले लिया है.


हापुड़ में BJP ने विजयपाल अधाती पर चला दांव


यूपी के हापुड़ में बहुजन समाज पार्टी ने श्रीपाल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं उत्तर प्रदेश में सत्ता वापसी की कोशिशों में लगी भारतीय जनता पार्टी ने इस बार विजयपाल अधाती पर दांव चला है. उधर समाजवादी पार्टी ने तेजपाल को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.


आगरा कैंट से बीएसपी ने गुटियारी लाल धुवेश को दिया टिकट


हाथरस सीट से कांग्रेस ने राजेस राज जीवन को तो बीएसपी ने बृजमोहन राही और बीजेपी ने परिशंकर महोर को अपना उम्मीदवार बनाया है. उधर आगरा कैंट से समाजवादी पार्टी ने ममता टापलू और बीएसपी ने गुटियारी लाल धुवेश को टिकट दिया है जबकि बीजेपी ने डॉक्टर जीएस धर्मेश पर दांव चला है.


अलीगढ़ में एसपी ने जफ़र आलम को बनाया उम्मीदवार


बुलंदशहर सीट से एसपी ने सुजात आलम, बीएसपी ने मोहम्मद आलीम खान और बीजेपी ने वीरेंद्र सिंह सिरोही को टिकट दिया है. तो वहीं अलीगढ़ में एसपी ने जफ़र आलम, बीएसपी ने मोहम्मद आरिफ और बीजेपी ने संजीव राजा को मैदान में उतारा है.


कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता हैं प्रदीप माथुर


राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय बीजेपी के युवा चेहरे श्रीकांत शर्मा पर भी खुद की सीट से जीत पक्की करने का दबाव होगा. वह पहली बार मथुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जीत के बाद ही उनकी आगे की राजनीतिक दिशा तय होगी. इनका मुकाबला कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर से है.


इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पोते संदीप उर्फ संजू पर भी चुनावी पारी का आगाज जीत के साथ करने की चुनौती होगी. कल्याण की बदौलत वह विधानसभा का टिकट पाने में तो कामयाब हो गए, लेकिन उनकी साख भी दांव पर है.


पश्चिमी यूपी में चलता था किसान और मुसलमान का समीकरण


इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के अलावा दूसरे दलों के दिग्गजों पर भी अपनी साख बचाने का दबाव है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जमाने में किसान और मुसलमान का समीकरण पश्चिमी यूपी में चलता था. हालांकि साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद आरएलडी के मुखिया चौधरी अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत सिंह की ताकत बिखर गई.


आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 11 फरवरी को होगा. पहले चरण में पश्चिमी यूपी के 15 जिलों की कुल 73 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इनमें से 51 सीटें सीधे तौर पर जाट मतदाता प्रभावित करने का दम रखते हैं. इन सभी सीटों पर 22 हजार से लेकर एक लाख 28 हजार तक मतदाता हैं. लेकिन कांग्रेस और एसपी के बीच गठबंधन के कारण इन इलाकों में जीत हासिल करने का दबाव भी काफी बढ़ जाएगा.