यूपी चुनाव: मानिकपुर सीट पर आपस में भिड़ेंगे BSP के 2 पूर्व मंत्री
चित्रकूट: उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले की मानिकपुर सीट में अबकी बार चुनावी मुकाबला बड़ा रोचक होगा. यहां बहुजन समाज पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के दो पूर्व मंत्री आमने-सामने भिड़ेंगे और मतदाताओं के बीच एक-दूसरे की बखिया भी उधेड़ेंगे.
दद्दू प्रसाद की जगह चंद्रभान पटेल को टिकट
चित्रकूट जिले की मानिकपुर सीट 2012 के विधानसभा चुनाव से पूर्व अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, अब यह सामान्य हो गई है. यहां बीएसपी के टिकट पर दलित नेता दद्दू प्रसाद तीन बार विधायक रहे और पूर्ववर्ती मायावती सरकार में वह ग्राम्य विकास मंत्री भी रह चुके हैं. 2012 के चुनाव में बीएसपी ने दद्दू प्रसाद की जगह चंद्रभान पटेल को टिकट दिया था और वह चुनाव जीते भी.
इसी बीच दद्दू प्रसाद ने नई पार्टी 'बहुजन मुक्ति पार्टी' बनाई और इस बार वह मानिकपुर सीट से खुद की पार्टी से चुनाव मैदान में हैं. हाल ही में बीएसपी छोड़कर गए पूर्व सांसद आर.के. पटेल को भी इसी सीट से बीजेपी ने मैदान में उतारा है. बीएसपी के दोनों पूर्व दिग्गज आपस में 'लंगोटिया यार' हैं. इस सीट पर बीएसपी से निवर्तमान विधायक चंद्रभान पटेल और एसपी-कांग्रेस गठबंधन से संपत पाल भी मैदान में हैं.
आर के पटेल को 1993 में राजनीति में लाए थे दद्दू प्रसाद
आर के पटेल को 1993 में दद्दू प्रसाद ही राजनीति में लाए थे और खुद मानिकपुर व पटेल कर्वी सदर सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ थे. लेकिन दोनों ही चुनाव हार गए थे. 1996 के चुनाव में दोनों बीएसपी से ही चुनाव लड़े और एक साथ जीते भी.
मायावती ने आर.के. पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया था. साल 2002 के चुनाव में भी दोनों बीएसपी से ही विधायक बने, लेकिन 2007 में बीएसपी ने पटेल का टिकट काटकर दिनेश मिश्रा को लड़ाया तो वह बागी होकर एसपी में चले गए, लेकिन दद्दू तीसरी बार बीएसपी से चुनाव जीत कर मायावती सरकार में ग्राम्य विकास मंत्री बने. पटेल 2009 के लोकसभा चुनाव में एसपी के टिकट से बांदा-चित्रकूट सीट से सांसद चुन लिए गए.
बीएसपी ने दद्दू का टिकट काटकर चंद्रभान पटेल को लड़ाया
इधर, 2012 के विधानसभा चुनाव में मानिकपुर सीट सामान्य हुई तो बीएसपी ने दद्दू का टिकट काटकर चंद्रभान पटेल को लड़ाया. इस चुनाव के बाद दद्दू को बीएसपी ने बाहर का रास्ता दिखाया और एक बार पटेल फिर घर वापसी करते हुए बीएसपी में शामिल हो 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन मोदी लहर के चलते बीजेपी के भैरो प्रसाद मिश्र से हार गए. इस बार दद्दू प्रसाद ने नई 'बहुजन मुक्ति पार्टी' बनाकर मानिकपुर से मैदान में उतरे तो आर के पटेल बीजेपी में शामिल हो इसी सीट से ताल ठोक दी.
राजनैतिक और सामाजिक दृष्टि से ब्राह्मण और कुर्मी बिरादरी के बीच चित्रकूट जिले में हमेशा छत्तीस के आंकड़े रहे हैं. बीजेपी ने कर्वी सदर से ब्राह्मण कौम से चंद्रिका उपाध्याय और पहली बार जिले की किसी सीट से कुर्मी उम्मीदवार आर.के. पटेल को उतारा है. करीब डेढ़ दशक तक यहां 'दलित-कुर्मी' (डीके) गठजोड़ चलता रहा, अब बीजेपी ने 'ब्राह्मण-कुर्मी' (बीके) गठजोड़ का नया प्रयोग शुरू किया है.
कितना सफल होता है बीजेपी का यह नया प्रयोग ?
अब देखना होगा कि बीजेपी का यह नया प्रयोग कितना सफल होता है. चुनावी परिणाम कुछ भी रहे, लेकिन कभी लंगोटिया यार रहे बीएसपी के दो पूर्व दिग्गज दद्दू और पटेल इस चुनाव में आमने-सामने हैं और मतदाताओं के बीच दोनों जहां बीएसपी प्रमुख मायावती की पोल खोलेंगे, वहीं एक-दूसरे की बखिया भी उधेड़ने से नहीं चूकेंगे.