नई दिल्ली: बांग्लादेश के मोमिन शाही के रहने वाले आतंकी अब्दुल्ला को गिरफ्तार करने के बाद अब यूपी एसटीएफ पूछताछ के लिए उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ला रही है. अब्दुल्ला एसटीएफ ने मुज़फ़्फ़रनगर की एक मस्जिद से गिरफ़्तार किया था.


अबदुल्ला का एक और बांग्लादेशी साथी फ़ैज़ान फरार है. देवबंद में उसके कमरे से एटीएस ने बग़दादी का घोषणापत्र और बम बनाने की किताब बरामद की है. भारतीय उप महाद्वीप में अल क़ायदा के चीफ़ मौलाना आसिम उमर की किताब 'तीसरी जंग' भी फैजान के घर से मिली.


बांग्लादेश से अब्दुल्ला 2011 में भारत आया. सहारनपुर में देवबंद के दारूल उलूम में एडमिशन के लिए परिक्षा दी लेकिन पास नहीं हो पाया. फिर उसने मुज़फ़्फ़रनगर और देवबंद के दूसरे मदरसे से मौलवियत और अरेबिया की पढ़ाई की. 2015 में पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कई मस्जिदों में मौलाना रहा.


असम के पते से अब्दुल्ला ने वोटर पहचान पत्र और सहारनपुर के पते से उसने पासपोर्ट बनवा लिए. एटीएस जांच कर रही है कि उसका पासपोर्ट कैसे बना ? वोटर कार्ड के मामले में असम पुलिस से भी मदद ली जा रही है.


यूपी की एटीएस के लिए सबसे बड़ी चुनौती फैजान को पकड़ने की है. उसने अब्दुल्ला के साथ मिल कर कितने लोगों को आतंकी नेटवर्क से जोड़ा है, तभी पता चलेगा. अब्दुल्ला के घर से कई 13 आई कार्ड मिले हैं.


एटीएस ने तहसीलदार से लेकर निर्वाचन अधिकारी तक के मोहरें भी बरामद की हैं. बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'अंसारूलल्ला बांगला टीम' से अब्दुल्ला जुड़ा हुआ है. इसी बीच जिन 5 लोगों को एटीएस ने हिरासत में लिया था, उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है.