सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. सहारनपुर के नानौता बड़गांव मांर्ग पर प्रजापति समाज के दो लोगों पर दलित समझकर हमला किया गया है. यहां एक आदमी को गोली भी मारी गई है.


यूपी: सहारनपुर में फिर दलित युवकों पर हमला, ADG-IG समेत 6 अफसरों को मौके पर रवाना होने के आदेश


सहारनपुर के नानोता बड़गांव मार्ग पर रात तीन बजे भट्टे पर जा रहे प्रजापति समाज के दो लोगों पर दलित समझ कर हमला किया गया और एक शख्स को गोली मार दी गई. दोनों लोगों को जिला चिकित्सालय भेजा गया है.


कल फिर हुआ दलित युवकों पर हमला


मायावती की रैली से लौटते वक्त दलित युवकों पर हमला हुआ, जिसमें आशीष नाम के एक युवक की मौत हो गई. कल फिर दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के आरोप में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. योगी सरकार ने मृतक आशीष के परिजनों को 15 लाख और सभी घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाने की घोषणा की है.


 


ADG-IG समेत 6 अफसरों को मौके पर रवाना होने के आदेश


ये घटना तब हुई जब मायावती पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सहारनपुर पहुंचीं. इस घटना के बाद राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि छह वरिष्ठ अधिकारियों के दल को जल्द ही सहारनपुर पहुंचने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अधिकारी शांति बहाली सुनिश्चित करेंगे. इस दल में गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश और डीजी (सुरक्षा) विजय भूषण शामिल हैं.


क्या है पूरा मामला ?


ग्राम शब्बीरपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच डीजे को लेकर हुई मामूली तनातनी ने उग्र रूप धारण कर लिया था. इसके चलते दोनों पक्षों के बीच पथराव, गोलीबारी और आगजनी हुई थी. इस दौरान एक युवक की पत्थर लगने से मौत हो गई थी और लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए थे.  जिसके बाद दलितों ने महापंचायत बुलाकर घटना पर विरोध जताया. इसी दौरान हिंसा भड़क उठी. भीड़ ने पुलिस गाड़ी और नाके को आग के हवाले कर दिया.


21 अप्रैल को भी हुई थी दो पक्षों में तनातनी


सहारनपुर के दलित औऱ मुस्लिमों के गांव दुधली में पहले आंबेडकर औऱ रविदास जयंती पर शोभायात्रा निकाली जाती थी. लेकिन मुस्लिमों के विरोध के बाद यहां सात साल से शोभायात्रा निकालने की इजाजत नहीं थी. योगी सरकार आने के बाद हिंदू संगठनों ने 14 अप्रैल को शोभायात्रा निकालने की इजाजत मांगी थी. जिसे प्रशासन ने नामंजूर कर दिया. बिना इजाजत के कल जुलूस निकला और जब ये मुस्लिम इलाके से गुजरा तो पथराव हो गया. जिससे हालात बिगड़ गए.


सांप्रदायिक तौर पर बेहद संवेदनशील माना जाता है सहारनपुर


सहारनपुर को सांप्रदायिक तौर पर बेहद संवेदनशील माना जाता है. साल 2014 में भी यहां दो गुटों के झगड़े ने दंगे का रूप ले लिया था. इस एक महीने के अंदर सहारनपुर में करीब तीन सामप्रदायिक घटनाएं सामने आ चुकी हैं.