लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वक्फ काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा सूबे में वक्फ सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द करने के आरोपों की जांच रिपोर्ट में खान का नाम आने के बाद उन पर कार्रवाई के आसार हैं.


वक्फ सम्पत्तियों में गड़बड़ी करने की शिकायतों की जांच


राज्य के मुस्लिम वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने बताया कि वक्फ काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा प्रदेश में वक्फ सम्पत्तियों में गड़बड़ी करने की शिकायतों की जांच की है, जिसकी 36 पन्नों की रिपोर्ट में तत्कालीन वक्फ मंत्री आजम खान और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी समेत कई लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी गयी है.


रजा ने कहा कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड से जुड़ी यह रिपोर्ट उन्हें दो दिन पहले ही मिली है. इसमें पिछले 10 सालों के दौरान वक्फ सम्पत्तियों को लेकर हुई शिकायतों की जांच की गयी है. इस लगभग पूरे समय रिजवी ही शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे और पिछली अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में वह आजम खान के बहुत करीब थे.


उन्होंने कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की रिपोर्ट भी एक-दो दिन में आ जाएगी. उसके बाद वह इन दोनों रिपोर्ट और वक्फ सम्पत्तियों के बारे में उन्हें मिल रहे शिकायती पत्रों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे और उनके निर्देश पर इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. रजा ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद तय किया जाएगा कि किस एजेंसी से जांच करायी जाएगी, क्योंकि कुछ शिकायतों में सीबीआई जांच की भी मांग की गयी है.


''आजम खान की भूमिका की भी जांच''


वरिष्ठ अधिवक्ता डाक्टर सैयद एजाज अब्बास नकवी द्वारा तैयार की गयी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि शिया वक्फ बोर्ड से जुड़ी शिकायतों में लगे आरोप बहुत गम्भीर हैं और इनमें मुकदमे दर्ज किये जाने चाहिये. साथ ही इनमें आजम खान की भूमिका की जांच भी की जानी चाहिये.


रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकार को वक्फ बोर्ड में हुए घपलों पर ‘श्वेत पत्र’ जारी किया जाना चाहिये. बहरहाल, इस मामले में आजम खान का कहना है कि उन्होंने अपने मंत्रित्वकाल में पूरे साफ दिल और मन से काम किया है और वह किसी भी जांच के लिये तैयार हैं.


500 करोड़ से 1000 करोड़ रुपये तक हो सकता है घोटाला


रजा ने कहा कि वक्फ सम्पत्तियों में किया गया घोटाला 500 करोड़ से एक हजार करोड़ रुपये तक हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टालरेंस’ की नीति अपनाने को कहा है. मायावती सरकार के शासनकाल में भी वक्फ सम्पत्तियों के खुर्द-बुर्द करने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा.


उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में बीजेपी की सरकार को बने हुए बमुश्किल दो हफ्ते हुए हैं. इतने समय में ही मेरे पास जो शिकायतें आ रही हैं, उनमें से ज्यादातर भ्रष्टाचार की हैं. अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय हुआ कि इसकी जांच करायी जानी चाहिये.


रजा ने कहा कि दो हफ्ते में इतनी शिकायतें आयी हैं. अगर पिछली दो सरकारों का लेखाजोखा देखा जाएगा, तो मामला कहां तक जाएगा. उन्होंने कहा कि साढ़े सात हजार वक्फ सम्पत्तियां थी, वो तीन हजार रह गयी हैं. बाकी बची सम्पत्तियां कहां चली गयी हैं. यह बड़ा सवाल है. यह अपने आप में बहुत हैरत की बात है. रजा ने कहा कि जिन मुतवल्लियों को पूर्व में विभिन्न आरोपों में हटाया गया, वे उनसे मुलाकात करके अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. उनकी जांच की जाएगी.