यूपी चुनाव: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए भाग्यशाली रहा है बहराइच
बहराइच: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज होने के बीच रविवार को यानी आज परिवर्तन रैली को सम्बोधित करने के लिये बहराइच आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिये भारत-नेपाल सीमा से सटा यह शहर काफी भाग्यशाली है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक साल 2002 में बहराइच में ही मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाये जाने की खबर मिली थी और उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत भी इसी जिले से की थी जो बीजेपी के प्रचण्ड बहुमत के रूप में सामने आयी.
पीएण मोदी आज बहराइच के बिसवरिया गांव स्थित मैदान में परिवर्तन रैली को सम्बोधित करेंगे. यह वही मैदान है, जिस पर उन्होंने रैली करके प्रदेश में लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज किया था.
साल 2002 से ही बन गया था बहराइच और मोदी का रिश्ता
कभी जनसंघ का गढ़ रहे बहराइच और मोदी का रिश्ता साल 2002 से ही बन गया था. उन दिनों मोदी बीजेपी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव थे. 2002 में वह बहराइच मे पार्टी की एक सांगठनिक कार्यशाला में आये थे. जब वो उस वक्त यूपी चुनाव के लिये कार्यकर्ताओं को रणनीतिक मंत्र दे रहे थे तभी उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री बनाये जाने की खबर मिली. इस बात का जिक्र वो अपने भाषणों में भी कर चुके हैं.
बीजेपी के अवध क्षेत्र के अध्यक्ष मुकुट बिहारी वर्मा ने बताया कि बहराइच बीजेपी के अवध प्रान्त का भारत नेपाल सीमावर्ती जिला है. पार्टी के लिहाज से अवध क्षेत्र उसका सबसे बड़ा शक्ति केंद्र रहा है. लखनऊ- कानपुर-अयोध्या सहित 14 जिलों की 82 विधानसभा सीटें अवध अंचल में ही आती हैं.
मोदी ने बहराइच से किया था चुनावी रैली का आगाज
साल 2014 में जब लोकसभा चुनाव की जब दुंदुभी बजी तो बीजेपी के इस पुराने गढ़ में चुनावी रैली का आगाज मोदी ने बहराइच से किया था. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से विजय प्राप्त की और मोदी प्रधानमंत्री बन गये.
वर्मा ने बताया कि मोदी लहर में अमेठी को छोड़कर अवध क्षेत्र की सभी सीटें बीजेपी ने फतह की थी. अब बीजेपी की निगाहें इस क्षेत्र की 82 विधानसभा सीटों पर टिक गयी हैं और उसे मोदी के जरिये अवध क्षेत्र में शुभ शुरुुआत की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो मोदी की परिवर्तन रैली में हुंकार अवध को सियासी संदेश देगी.
लम्बे समय तक जनसंघ का गढ़ रहा बहराइच
आपको बता दें कि बहराइच जिला लम्बे समय तक जनसंघ का गढ़ रहा. साल 1967 में इस जिले से दोनों सांसद और सभी सात विधायक जनसंघ के टिकट पर ही जीते थे. हालांकि वर्ष 1991 के बाद के चुनाव से इस क्षेत्र में बीजेपी अपना वर्चस्व खोती गयी.
बहरहाल, वर्ष 2014 में बहराइच से बीजेपी की सावित्री बाई फूले के सांसद चुने जाने से इस क्षेत्र में बीजेपी के मजबूत होने की उम्मीद जाहिर की जा रही है.