इलाहाबाद: यूपी की योगी सरकार योग को एक विषय के रूप में सूबे के माध्यमिक स्कूलों में अनिवार्य करने जा रही है. इसके तहत जुलाई से शुरू हो रहे नए सेशन में नौवीं से बारहवीं तक के तकरीबन पचीस हजार स्कूलों में पढ़ने वाले सवा करोड़ स्टूडेंट्स को अब न सिर्फ योग की पढ़ाई करनी होगी, बल्कि बीस नंबर का इम्तहान भी देना होगा.
यूपी सरकार से कोई फीस नहीं लेगी पतंजलि योग पीठ
यूपी बोर्ड योग का पाठ्यक्रम तैयार करने और टीचर्स को ट्रेनिंग देने का ज़िम्मा बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग पीठ को सौंपने की तैयारी कर रहा है. ख़ास बात यह है कि बाबा रामदेव की संस्था इसके लिए यूपी सरकार से कोई फीस नहीं लेगी. बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में आज इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई.
बोर्ड के हेडक्वार्टर इलाहाबाद में हुई इस बैठक में नये सेशन से सभी स्कूलों में टीचर्स की हाजिरी बायोमेट्रिक तरीके से लेने और स्कूलों की मान्यता आन लाइन ही कराने का भी फैसला लिया गया है. सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने का खर्च सरकार देगी जबकि गैर सरकारी स्कूलों को इस पर आने वाला खर्च विकास मद से खुद ही उठाना होगा.
यूपी बोर्ड के चेयरमैन अमरनाथ वर्मा की अगुवाई में हुई बैठक में यह भी तय किया गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अब यूपी चुनाव में जारी बीजेपी के संकल्प पत्र में किये गए वायदों की मंशा के मुताबिक़ ही काम करेगा.
अनिवार्य विषय के तौर पर शुरू होगा योग
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से यूपी में इन दिनों मोदी और योगी इफेक्ट की धूम मची हुई है. पीएम मोदी की पसंद और सीएम योगी की दिलचस्पी के मद्देनजर यूपी बोर्ड नये सेशन से योग को न सिर्फ अलग विषय के तौर पर शुरू कर रहा है, बल्कि योग विषय को अनिवार्य भी कर रहा है. यानी एक जुलाई से शुरू होने वाले यूपी बोर्ड के नये सेशन में नौवीं से बारहवीं तक के पचीस हजार स्कूलों में पढ़ने वाले सवा करोड़ स्टूडेंट्स को अब अनिवार्य विषय के रूप में योग की पढ़ाई करनी होगी.
यूपी बोर्ड में अब तक योग के दो अध्याय शारीरिक शिक्षा विषय में पढ़ाए जाते थे. योग के इन दो अध्यायों के लिए दसवीं क्लास में पांच और बारहवीं में छह नंबर दिए जाते थे, लेकिन यह पहला मौका होगा जब यूपी बोर्ड में योग अलग से अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा.
बोर्ड ने नये शुरू होने जा रहे योग विषय के पाठ्यक्रम निर्धारण व टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग पीठ के चार विशेषज्ञों को मिलाकर सात लोगों की एक कमेटी भी बना दी है. बाबा रामदेव की संस्था ने पिछले दिनों इलाहाबाद में यूपी बोर्ड के हेडक्वार्टर में हुई बैठक में यह भी साफ़ कर दिया है कि पाठ्यक्रम निर्धारण और टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए पतंजलि योग पीठ यूपी सरकार या यूपी बोर्ड से कोई फीस नहीं लेगी.
योग की पढ़ाई के लिए नहीं रखे जाएंगे अलग से टीचर्स
बैठक में यूपी बोर्ड ने यह तय किया है कि फिलहाल योग विषय की पढ़ाई के लिए अलग से टीचर्स नहीं रखे जाएंगे. जिन स्कूलों में स्पोर्ट्स टीचर्स हैं उन्हें ही पतंजलि पीठ के विशेषज्ञों से ट्रेनिंग दिलाकर योग की पढ़ाई के लिए लगाया जाएगा. जिन स्कूलों में स्पोर्ट्स टीचर नहीं हैं, वहां किसी दूसरे टीचर को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. योग का पेपर बीस नंबरों का होगा, लेकिन स्टूडेंट्स को नबर के बजाय ग्रेड दिए जाएंगे. माध्यमिक स्कूलों ने योग को लेकर योगी सरकार की इस पहल का स्वागत किया है.
टीचर्स और प्रिंसिपल्स का मानना है कि इससे न सिर्फ बच्चों में योग को लेकर जागरूकता बढ़ेगी बल्कि योग विद्या का प्रचार प्रसार भी होगा. यूपी बोर्ड के तकरीबन पचीस हजार स्कूलों में नौवीं से बारहवीं क्लास के सवा करोड़ बच्चे पढ़ाई करते हैं.