गोरखपुरः देश की सेवा और आम आदमी की सुरक्षा के लिए सीमा पर डटे रहने वाले सैनिकों के सम्मान में बेशक ही हमारा सिर गर्व से झुक जाता है. लेकिन, हैरानी तब होती है जब इनके परिवार की सुरक्षा कि न तो कोई गारंटी लेने वाला होता है और न ही उन्हें न्याय दिलाने वाला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का एक जवान जम्मू कश्मीर में होली पर ड्यूटी कर रहा था. वहीं उसकी दोनों बेटियों के सिर पर मौत नाचती रही. दोनों बेटियां आर्मी अस्‍पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हैं. वहीं पुलिस के हाथ खाली हैं. जवान के दर-दर की ठोकर खाने के बाद भी घटना को अंजाम देने वाले आरोपी पुलिस की प‍कड़ से दूर हैं. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर यह जवान आरोपियों की गिरफ्तारी की गुहार लगा रहा है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के गोरखनाथ थानाक्षेत्र के लच्‍छीपुर शांतिपुरम कॉलोनी निवासी चंद्रशेखर मल्‍ल जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में सेना में नायक के पद पर तैनात है. उनकी दो बेटियां नेहा इंटरमीडिएट पास करने के बाद सीपीएमटी की तैयारी कर रही है, तो वहीं निधि नौवीं की परीक्षा दी है. 21 मार्च यानी होली की शाम 5:11 पर चंद्रशेखर की दोनों बेटियां नेहा और निधि घर से किसी काम से निकली थीं. वह घर की ओर जाने वाली गली से मुख्य मार्ग पर आई थी कि पीछे से तेज रफ्तार स्‍कॉर्पियो ने उन्‍हें जबरदस्‍त ठोकर मार दी और वे हवा में उड़ती हुई छह फीट ऊपर उछलकर दूर जा गिरीं.

2 मिनट 27 सेकंड के सीसीटीवी फुटेज में यह साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सड़क के किनारे खड़ी दोनों बहनों को तेज रफ्तार स्कॉर्पियो रौंदती हुई निकल जा रही है. रोंगटे खड़े कर देने वाले इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि हवा में किस तरह से दोनों लड़कियां गेंद की तरह से उछल गई हैं. एक के पैर से निकली सैंडल सीसीटीवी कैमरे के पास तक आ गई. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि टककर कितनी जोरदार रही होगी. घटना की सूचना मिलने के बाद बच्चियों की मां रमिता सिंह उन्हें आर्मी हस्पताल में भर्ती कराया और घटना की जानकारी श्रीनगर में तैनात सेना में नायक पति चंद्रशेखर मल्ल को दी.

दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद चंद्रशेखर दूसरे दिन ही गोरखपुर चले आए. लेकिन, उनका आरोप है कि गोरखनाथ थाने पर उन्हें दोदिन तक दौड़ाया गया. उनकी एफआईआर तक नहीं लिखी जा रही थी. इतना ही नहीं छह दिन बीतने के बाद भी घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों का अभी तक कोई सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है. चंद्रशेखर का आरोप है कि पुलिस ने न तो सीसीटीवी फुटेज ही खंगालने की कोशिश की और न ही आरोपियों का कुछ सुराग लगा पा रही है. उनका कहना है कि यह सीसीटीवी फुटेज भी उन्होंने एक विद्यालय से खोज कर हासिल किया है.

वहीं नेहा और निधि की मां रमिता सिंह का कहना है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के थानाक्षेत्र में रहती हैं. उनकी बेटियां होली की शाम घर से निकली थीं. लेकिन, उन्हें नहीं पता था कि उनके परिवार में इस तरह की अनहोनी होने वाली है. दोनों बेटियां आर्मी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. लेकिन, पुलिस अभी तक बदमाशों का सुराग नहीं लगा पाई है. उल्टा उन्हें ही दो दिन तक दौड़ाया गया.

आरोप है कि पुलिस ने तीन बार तहरीर बदलवाया फिर मुकदमा दर्ज किया. उधर घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी गोरखनाथ थाने की पुलिस सफेद रंग की स्कार्पियो और चालक को तलाश रही है. छह दिन बीतने के बाद भी जा पुलिस ने बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगाया, तो न्याय और बदमाशों की धरपकड़ के लिए उन्होंने अपना वीडियो और सीसीटीवी फुटेज को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है.

इसमें भी न्याय की गुहार लगा रहे हैं कि उनकी बेटियों को इस हाल में पहुंचाने वाले को गिरफ्तार करवाने में उनकी मदद की जाए. श्रीनगर में तैनात एक सैनिक की बेटियों को न्याय दिलाने की यह गुहार हर आम और खास को पीड़ा दे जाने वाली है. लेकिन, बेटियों को याद कर तड़पते जवान और उसकी पत्नी का दर्द सीएम योगी की पुलिस को दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं गोरखपुर के एसएसपी डा. सुनील गुप्‍ता का कहना है कि हिट एण्‍ड रन का ये मामला हमारे संज्ञान में है. सीसीटीवी फुटेज में स्‍कार्पियो का नंबर साफ नहीं दिख रहा है. आरोपियों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है. वे कोई भी हों उन्‍हें बक्‍शा नहीं जाएगा.

सीसीटीवी फुटेज देख कर ऐसा लग रहा है कि जैसे जानबूझकर चंद्रशेखर की दोनों बेटियों को कुचलने की कोशिश की गई है. लेकिन, यह घटना महज दुर्घटना है या फिर साजिश इसकी सच्चाई जानने के लिए जब हमने पुलिस के आला अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.