लखनऊ: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. चुनाव परिणामों के मुताबिक कांग्रेस जहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है वहीं बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. नतीजे चाहे जो भी रहे हैं पर पार्टियों और नेताओं नें चुनाव प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी. पार्टी चाहें जो भी रही हो स्टार प्रचारकों खूब धूम रही. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की जहां इस बार विधानसभा चुनाव के प्रचार में यूपी के नेताओं की बड़ी डिमांड रही. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार प्रचारक थे और उन्होंने भी धुंआधार प्रचार किया था. उन्होंने तो हेलिकॉप्टर से एमपी का दौरा भी किया था. कई मुद्दे भी उठाए थे. कांग्रेस को अली मुबारक और हमें बजरंगबली वाले योगी के बयान की ख़ूब चर्चा रही थी. ऐसा उन्होंने कमलनाथ के एक वीडियो के जवाब में कहा था. योगी ने 19,21 और 24 नवंबर को एमपी में प्रचार किया था. मध्य प्रदेश में योगी ने कुल 14 रैलियां की थी पर नजीते उस हिसाब से नहीं आए. मायावती और अखिलेश यादव ने भी अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार किया था.


यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी घूम घूम कर एमपी में बीजेपी के लिए वोट मांगे. ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, दतिया जैसे इलाक़ों में उनकी बिरादरी का अच्छा ख़ासा प्रभाव है. मौर्य ने 22, 23,24,25 और 26 नवंबर को चुनाव प्रचार किया. अपनी सभाओं में राम नाम के सहारे यूपी के डिप्टी सीएम ने वोट मांगे. मौर्य ने कहा कि अयोध्या में कोई मक़बरा या मस्जिद नहीं बनेगी. सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए यूपी के नेताओं की अलग-अलग इलाक़ों में ड्यूटी लगाई गई थी.


केशव मौर्य को पिछड़ी जातियों को मनाने के लिए लगाया गया था. एससी-एसटी एक्ट में संशोधन से एमपी में अगड़ी बिरादरी के लोग शिवराज सरकार से नाराज़ चल रहे हैं. इन्हें अपना बनाने के लिए हिंदूवाद को हवा दी गई. राम मंदिर से लेकर हिंदू मुस्लिम तक के मुद्दे उठे. योगी के सन्यासी वाली छवि को भुनाने के लिए बीजेपी ने हर दांव आज़माया. यूपी के मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भी कई जिलों का दौरा किया. बघेल समाज को जोड़ने का काम उन्हें दिया गया था. उमा भारती अभी यूपी के झांसी से सांसद हैं. वे एमपी की मुख्यमंत्री रही हैं. उन्होंने भी जम कर विधानसभा के लिए प्रचार किया.


यूपी के कई बीजेपी नेताओं के चुनाव मैनेजमेंट की ज़िम्मेदारी दी गई थी. राज्य के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह तो महीने भर तक एमपी में डेरा डाले हुए थे. उन्होंने ग्वालियर संभाग के चुनाव प्रबंधन का कामकाज देखा. यूपी बीजेपी के महामंत्री अशोक कटारिया को भी ग्वालियर में लगाया गया था. इसके अलावा पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी और मीडिया विभाग के राकेश त्रिपाठी के साथ-साथ तरूण कांत त्रिपाठी को भी प्रचार प्रसार के लिए लगाया गया था. ये लोग तो महीने भर तक वहीं रहे थे.