नीति आयोग की स्कूली शिक्षा क्वालिटी रैंकिंग: UP का प्रदर्शन सबसे खराब, केरल टॉप पर
साल 2016-17 की स्कूल शिक्षा क्वालिटी रैंकिंग में केरल को पहला स्थान मिला है. इस रैंकिंग में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को आखिरी स्थान मिला है. जानिए अन्य राज्यों की क्या है रैंकिंग.
नई दिल्ली: नीति आयोग ने साल 2016-17 की स्कूल शिक्षा क्वालिटी रैंकिंग जारी की है. इस रैंकिंग में देश के 20 बड़े राज्यों को शामिल किया गया था जिसमें पहले स्थान पर केरल और आखिरी स्थान पर उत्तर प्रदेश है. रैंकिंग में दूसरे और तीसरे स्थान पर राजस्थान और कर्नाटक का नाम है.
नीति आयोग, एमएचआरडी और विश्व बैंक ने बनाया है रिपोर्ट
बड़े राज्यों के मामले में, इस रिपोर्ट में केरल का स्कोर 76.6 प्रतिशत है और उत्तर प्रदेश का स्कोर 36.4 प्रतिशत है. इस रिपोर्ट का नाम ‘द सक्सेस आफ आवर स्कूल्स-स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स’ (एसईक्यूआई) है. इसे नीति आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्व बैंक ने संयुक्त रूप से जारी किया है. रिपोर्ट स्कूल जाने वाले बच्चों के सीखने के परिणामों पर आधारित है.
छोटे राज्यों में मणिपुर को पहला स्थान
एसईक्यूआई इंडेक्स में 2015-16 को आधार वर्ष के रूप में इस्तेमाल किया है. इसे स्कूली शिक्षा क्षेत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए विकसित किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार छोटे राज्यों में मणिपुर, त्रिपुरा ओर गोवा को पहला, दूसरा और तीसरा स्थान मिला है.
केंद्र शासित प्रदेश में चंडीगढ़ पहले स्थान पर
इन राज्यों के बाद मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, मेघालय और अरूणाचल प्रदेश का स्थान आता है. नौ केंद्र शासित प्रदेशों (रिपोर्ट सात के आधार पर) में चंडीगढ़ इस सूची में पहले स्थान पर है. इसके बाद दादरा नगर हवेली, दिल्ली, पुडुचेरी, दमन और दीउ, अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप शामिल हैं.
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