उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने 10 दिग्गज नेताओं को पार्टी से निकाला, ये है वजह
इससे पहले उन्हें बैठकें आयोजित करने और पार्टी के निर्णयों की आलोचना करने के लिए नेताओं को कारण बताओ नोटिस दिया गया था. 21 नवंबर को नेताओं को भेजे गए नोटिस पर जवाब 24 घंटों के भीतर मांगा गया था.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को अपने दस दिग्गज नेताओं को पार्टी से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया.कांग्रेस कमेटी ने गुरुवार को पार्टी के 11 वरिष्ठ नेताओं को अनुशासनहीनता के चलते नोटिस जारी कर 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन नेताओं ने नोटिस का जवाब देने से इनकार कर दिया. नेताओं को भेजे नोटिस में कहा गया था कि अनुशासन समिति के संज्ञान में अखबारों के जरिए आया है कि आप अनावश्यक रूप से लगातार यूपीसीसी से जुड़े अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के फैसलों का सार्वजनिक बैठकें कर विरोध करते आए हैं.
नोटिस में कहा गया था कि इन बैठकों और मीडिया बयानों से कांग्रेस की छवि धूमिल हुई है. आप जैसे वरिष्ठ नेताओं से यह उम्मीद नहीं थी. आपका बर्ताव पार्टी की नीतियों और विचारों के खिलाफ है.
नोटिस में कहा गया था कि यह बर्ताव अनुशासनहीनता के दायरे में आता है. आप 24 घंटे में स्पष्ट करें कि आपके खिलाफ क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
नेताओं के द्वारा नोटिस का जवाब देने से इनकार के बाद अब उन्हें अनुशासन समिति द्वारा पूर्व विधायक अजय राय, श्याम किशोर शुक्ला और इमरान मसूद के हस्ताक्षर वाले निष्कासन नोटिस भेजे गए हैं.
जिन नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है, उनमें संतोष सिंह (पूर्व सांसद), सिराज मेंहदी (पूर्व एमएलसी), रामकृष्ण द्विवेदी (पूर्व गृहमंत्री), सत्य देव त्रिपाठी (पूर्व मंत्री), राजेन्द्र सिंह सोलंकी (सदस्य एआईसीसी), भूधर नारायण मिश्र (पूर्व विधायक), हाफिज मोहम्मद उमर (पूर्व विधायक), विनोद चौधरी (पूर्व विधायक), नेक चन्द्र पाण्डेय (पूर्व विधायक), स्वयं प्रकाश गोस्वामी (पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस), संजीव सिंह (पूर्व जिलाध्यक्ष गोरखपुर) शामिल हैं.
कदम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ नेता त्रिपाठी ने कहा, "14 नवंबर को हम पूर्व सांसद संतोष सिंह के घर पर गए और पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि दी. हमने पार्टी के मामलों पर चर्चा की और इसमें कुछ भी गलत नहीं है."
उन्होंने आगे कहा, "पार्टी हाईकमान के साथ चीजों पर चर्चा करना अनुशासनहीनता नहीं है और अगर वर्तमान नेतृत्व ऐसा सोचता है, तो मुझे कुछ नहीं कहना है.''
पूर्व विधायक हाजी सिराज मेहंदी ने कहा, "हम सभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य हैं और राज्य इकाई के पास हमें ऐसा नोटिस भेजने की शक्ति नहीं है."
पार्टी में वर्तमान में जिस तरह से सभी वरिष्ठ नेताओं को नई समिति द्वारा दरकिनार किया जा रहा था, उस पर असंतोष व्यक्त करने के लिए वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में बैठकें की थीं.
इस संबंध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सह-प्रभारी धीरज गुर्जर ने नयी दिल्ली में बताया कि ‘‘कई लोगों’’ के खिलाफ ‘‘अनुशासनहीनता’’ के मामले में नोटिस जारी हुआ है.
उत्तर प्रदेश को लेकर सवाल करने पर उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी में चाहे कोई कितना भी वरिष्ठ सदस्य हो, अनुशासनहीनता के मामले में उसके खिलाफ कार्रवाई जरुर होगी.’’
Ind Vs Ban: कोहली के एम एस धोनी को पछाड़ा, कप्तानी में भारत की लगातार सातवीं जीत
Viral: कपल ने 34 हजार फीट की उंचाई पर की शादी, सोशल मीडिया पर हैरान हुए लोग