लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर रविवार को एक पुलिसकर्मी की गोली से मारे गए एपल कंपनी के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी. उन्होंने इस हत्याकांड के लिए बेधड़क एनकाउंटर के आदेश देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को असली गुनहगार बताया. रविवार दोपहर राज बब्बर महानगर स्थित आकाशगंगा अपार्टमेंट स्थित मृतक विवेक के घर पहुंचे. उन्होंने विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और परिवार के सभी सदस्यों से मिले. विवेक की मां से बातकर उनका दुख बांटने का प्रयास किया और पीड़ित परिवार से कहा कि दुख की घड़ी में वह उनके साथ हैं. वह हर तरह की मदद के लिए तैयार हैं. उनकी पार्टी योगी सरकार पर दबाव बनाकर दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का पूरा प्रयास करेगी.

वहीं मीडिया से बातचीत में राज बब्बर ने कहा, "हमने परिवार को पार्टी की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया है. पार्टी उनकी सहायता के लिए खड़ी है."

उन्होंने इस घटना का लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि विवेक की पत्नी के बजाय उनकी महिला मित्र की तरफ से एफआईआर दर्ज कराकर पुलिस ने केस को कमजोर करने की कोशिश की है. अगर पत्नी ने एफआईआर दर्ज कराई होती तो सच जल्द सामने आता. पुलिस ने चालाकी की है.




उन्होंने कहा कि पुलिस के आला अधिकारी आरोपी सिपाही को जेल भेजने की बात कहते हैं, मगर वह तो थाने में ही हाथ-पैर चलाते दिखाई दिया. वहीं शाम को उसे बीमार बताकर पुलिस वाले गोद में उठाकर ले गए. पुलिस की कार्यशैली से लगता है कि वह इस केस को दूसरा रुख देना चाहती है.

राज बब्बर ने कहा, "शासकीय दरिंदगी और निष्ठुरता ने जिस परिवार को लूट लिया हो उन्हें कोई कैसे सांत्वना दे. विवेक के परिजनों से कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं थे."

उन्होंने सरकार की ओर से दिए जा रहे मुआवजों को नाकाफी बताया और पर कहा, "विवेक की तीस लाख सालाना तनख्वाह थी और उन्हें 25 लाख मुआवजा दिया जा रहा है. परिवार के एक सदस्य को नौकरी का सिर्फ आश्वासन दिया गया है. इस धोखेबाज सरकार पर क्या भरोसा किया जा सकता है."

उन्होंने संत-महंत मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, "लोग साधु के चोले में आस्था ढूढ़ लेते थे. लेकिन क्रूर सियासत के अलावा वहां कुछ भी नहीं है. जिसने राज्यभर में बेधड़क एनकाउंटर के आदेश दिए हों, क्या असली गुनहगार वो नहीं है?"