लखीमपुर: बहराइच जिले के कर्तनियाघाट के जंगल में बंदरों के बीच मिली 'मोगली गर्ल' को लेकर अब नया दावा सामने आया है. सिंगाही की मखाना देवी का कहना है कि जंगल से लाई गई लड़की उसकी बेटी है. वह साल 2012 में ताजिया मेले के दौरान खो गई थी.
थाने में तहरीर देकर बच्ची के डीएनए टेस्ट की मांग
दावा है कि उसकी बेटी बंदरों और जानवरों से डरती नहीं थी. महिला ने सिंगाही थाने में तहरीर देकर बच्ची के डीएनए टेस्ट की मांग की है. हाल ही में बहराइच के कर्तनियाघाट जंगल में एक बच्ची मिली थी. वन विभाग ने इस लड़की को जंगल से ब्ंन्दरों के बीच से बरामद किया था. उसके जिस्म पर बंदरों के काटने के कई निशान थे.
वन विभाग इसे 'मोगली गर्ल' नाम दिया. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि मोगली गर्ल के माता-पिता कौन हैं, कहां से आई है. इस बीच खीरी के सिंगाही थाना क्षेत्र के पोखरी की रहने वाली मखाना देवी ने दावा किया है कि मोगली गर्ल उसकी ही बेटी है.
मानसिक रूप से कमजोर हो गई थी बच्ची
एसओ एस.के. सिंह को तहरीर देने के बाद मखाना ने बताया कि उसकी करीब आठ साल की लड़की चेचक जैसी बीमारी के बाद मानसिक रूप से कमजोर हो गई थी. वह अक्सर बकरी, गाय, कुत्ता, बिल्ली और यहां तक कि एक बार गांव में बंदरों से भी नहीं डरती थी, बल्कि उनके साथ खेलती थी.
महिला का कहना है कि उसकी बेटी 25 नवंबर, 2012 को ताजिया मेले में गुम हो गई थी. तब से उसका परिवार लड़की की तलाश कर रहा है.