नई दिल्ली/लखनऊ: भारतीय राजनीति को लेकर एक बात ये कही जाती है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है और ये बड़ी हकीकत भी है. लोकसभा सीटों के लिहाज से देश की सबसे बड़ी रियासत में जिस पार्टी का झंडा बुलंद होता है, उसकी गूंज दिल्ली में तक सुनी जाती है. ABP न्यूज़ और C-वोटर ने उत्तर प्रदेश का मूड जानने की कोशिश की है, जिसके नतीजे पीएम नरेंद्र मोदी के लिए अच्छे और बुरे दोनों हैं.


देश की सबसे बड़ी रियासत में जनता का मूड गठबंधन और बिना गठबंधन को लेकर अलग-अलग है. अगर सूबे में महागठबंधन होता है यानि अखिलेश और मायावती साथ आते हैं तो नतीजे कुछ होंगे और बुआ-बबुआ साथ नहीं आए तो नतीजे कुछ और होंगे. एक स्थिति एनडीए के लिए राहत भरी है तो दूसरी स्थिति महागठबंधन को राहत देने वाली है.


यूपी में महागठबंधन नहीं बना तो?
कुल- 80 सीट
एनडीए- 72
एसपी- 4
बीएसपी- 2
कांग्रेस- 2


यूपी में महागठबंधन बना तो?
कुल सीट- 80
एनडीए- 28
महागठबंधन- 50
कांग्रेस- 2


बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में जमकर मोदी लहर चली थी. 2014 में बीजेपी नीत एनडीए को 80 में से 73 सीटें मिली थी. समाजवादी पार्टी को पांच और कांग्रेस को दो सीटें मिली थी. वहीं मायावती की पार्टी बीएसपी का यूपी में सूपड़ा साफ हो गया था. ये सर्वे नवंबर के आखिरी हफ्ते से लेकर दिसंबर के तीसरे हफ्ते के बीच किया गया है. देश भर में किए गए इस सर्वे में 57 हजार 701 लोगों से बात की गई.


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