आगरा: चंद दिनों पहले आपने एक खबर देखी होगी कि एक लाइनमैन का पुलिस ने चालान किया जिसके बाद उसने थाने की बिजली काट दी. इस पूरे मामले पर अब जम कर बवाल हो रहा है. बिजली विभाग ने ठेकेदार से स्पष्टीकरण मांगा है. विभाग इस बात की भी जांच कर रहा है कि आखिर थाने की बिजली कैसे और किसके कहने पर काटी गई थी.


बिजली विभाग के एक लाइनमैन द्वारा मंगलवार को फिरोजाबाद के लाइनपार थाने की बिजली काटे जाने को लेकर विद्युत विभाग गंभीर है. शहरी विद्युत वितरण खण्ड फिरोजाबाद के अधीक्षण अभियंता अजय अग्रवाल ने बताया कि उच्च अधिकारियों के लिखित आदेश के बिना किसी भी थाने की बिजली नहीं काटी जा सकती है. उन्होंने बताया कि थानों को लगातार विद्युत आपूर्ति के निर्देश हैं और अपनी मर्जी से इस प्रकार का कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, जिसके लिये कार्यदायी ठेकेदार हरवीर सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया है.


उन्होंने कहा कि लाइनमैन सविंदा कर्मचारी है तो उसको और उसके ठेकेदार दोनों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. क्षेत्र के एसडीओ रणवीर सिंह से भी पूछा गया है कि क्या उनकी अनुमति से थाने की बिजली काटी गयी थी. अग्रवाल ने बताया कि लाइनमैन अपना बयान बार-बार बदल रहा है. उसने बिजली काटने के बाद खुद इस तथ्य को प्रसारित किया कि हेलमेट नहीं पहनने पर उसका चालान किया गया तो उसने थाने के बकाया बिल की बात कहते हुए ये काम किया.


उन्होंने कहा कि बाद में उसने बयान दिया कि अवर अभियंता और एसडीओ के कहने पर उसने बिजली काटी थी. कार्यदायी संस्था को इस घटना के बाद उसका बकाया दिये जाने के संबंध में अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा कार्यदायी ठेकेदार को भुगतान किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है और उसी के तहत ठेकेदार द्वारा जब विभाग को बिल भुगतान के लिए भेजा जाता है तो निर्धारित जांच के बाद उसका भुगतान किया जाता है.