लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि वंचित समाज को आगे ले जाने की प्रक्रिया में सबकी भागीदारी होनी चाहिए. अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के चेहरे पर भी मुस्कान आनी चाहिए. बाबा साहब का संदेश था कि शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो, इन सूत्रों को लेकर चलने से निश्चित रूप से समाज का लाभ होगा. उन्होंने कहा कि वंचित समाज में परिवर्तन आने से उत्तर प्रदेश में परिवर्तन आएगा और यूपी में परिवर्तन आएगा तो देश में परिवर्तन आएगा.
राज्यपाल रविवार को अंबेडकर महासभा के प्रांगण में अखिल भारतीय बांसकार महासभा एवं अखिल भारतीय धरकार समाज द्वारा आयोजित धरकार राष्ट्रीय समागम में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल कर रहे थे.
नाईक ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े समाज के व्यवसाय के लिए वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाएं संवेदनशील बने. केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्थाएं उचित व्यक्तियों को लाभ देने के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रयास करें. सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लिये चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी पात्र व्यक्तियों तक पहुंचनी चाहिए. जनतंत्र को चलाने के लिए बाबा साहब आंबेडकर ने संविधान रूपी ग्रंथ दिया है.
राज्यपाल ने बताया कि आंबेडकर महासभा में बाबा साहब की अस्थियां तथा उनकी पत्नी द्वारा रोपित वृक्ष है, इसलिए उन्होंने अपनी ओर से यहां संविधान की प्रति भी भेंट की है.
सहीं नहीं लिखा जाता था डॉ. अंबेडकर का नाम
राज्यपाल ने यह भी बताया कि कई जगह डॉ. अंबेडकर का सही नाम नहीं लिखा जाता था. सही नाम का सबसे बड़ा प्रमाण उनके द्वारा भारत का संविधान की प्रति पर उनके हस्ताक्षर हैं. उन्होंने कहा कि बाबा साहब की प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनका सही नाम लिखा जाए.
समाज कल्याण मंत्री डॉ. रमापति शास्त्री ने राज्यपाल के प्रयासों की सराहना की और कहा कि वे बांसकार समाज का पक्ष सरकार के सामने रखेंगे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने वंचित वर्ग की समस्याएं एवं राजनैतिक भागीदारी पर अपने विचार व्यक्त किए. इससे पूर्व राज्यपाल ने डॉ. अंबेडकर के अस्थि कलश के दर्शन किये और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी आदरांजलि अर्पित की.इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे.