मेरठ: बीते चौबीस घंटों से पश्चिमी उत्तर-प्रदेश का आसमान काले बादलों से घिरा है. बिजली की गड़हड़ाहट के साथ रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी है. कड़कड़ाती सर्दी की इस बारिश ने भले ही जनजीवन को प्रभावित किया हो लेकिन आने वाली फसल के लिए यह अच्छा संकेत है.


मौसम विज्ञानियों ने 23-24 जनवरी तक बरसात होने की भविष्यवाणी की है. इस महीने में इस तारीख से आगे के दिन भी ठंडे रहेंगे. 20 और 21 जनवरी को मौसम के तेवर बदलने के बाद माना जा रहा था कि सर्दी तो अब बढ़ने से रही. लेकिन एकाएक बदले बादलों के तेवर ने इस सोच को फीका कर दिया.


बारिश ने दिल्ली एनसीआर समेत वेस्ट यूपी के सारे जिलों की धरती को जैसे नया जीवन दे दिया है. एक महीने पहले खेतों में बोया गया गेहूं दो दिन की इस बारिश के बाद 'सोना' बनकर निकलेगा. हालांकि आलू की खेती के लिए यह बरसात थोड़ी सी कष्टकारी रहेगी.


देर से बोये गये आलू की खुदाई रुकने से उत्पादन पर फर्क पड़ सकता है. लेकिन आने वाली फसलों के लिए यह बारिश अमृत लेकर आई है. खासकर सरसों और तोरिया की फसल इस बारिश के बाद अच्छी होगी. बारिश ने सरसों के फूल को धो दिया है जो बारिश के बाद और उन्नत हो जायेंगे और कटाई तक फसल की पैदावार बढ़ेगी.


मेरठ के जिला कृषि अधिकारी आरएस राठौर बताते हैं कि सबसे ज्यादा फायदा गेहूं की फसल को होने वाला है. 25 दिन से एक महीने पहले बोया गया गेहूं इस बरसात से जैसे लहलहाने के लिए तैयार होगा. गेहूं का पौधा इस प्राकृतिक सिंचाई के बाद तेजी से उगेगा और उसकी बालियां भी हरी-भरी और स्वस्थ होंगी.


जाहिर है गेहूं को मिली यह आसमानी सिंचाई उसकी पैदावार को 20 से 30 फीसदी बढ़ायेगी. आम की फसल के लिए भी यह बारिश बेहद फायदेमंद है. अमूमन, विशेषज्ञ आम पर बौर आने से ठीक बाद उसकी धुलाई करने की सलाह देते है. ऐसे में इस बारिश से हुई आम के पेड़ों की धुलाई से कीड़े लगने की आशंका खत्म होगी और बौर तेजी से बढ़ेगा.