यूपी: ABP की खबर पर मुहर, योगी ने माना- 'तय समय में पूरा नहीं हुआ गड्ढ़े भरने का वादा'
लखनऊ: एबीपी न्यूज की खबर पर यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी ने मुहर लगा दी है. उत्तर प्रदेश के सड़कों के गड्ढे तय सीमा पर नहीं भर पाए. आज 15 जून है यानी आखिरी तारीख. कल सीएम ने खुद मान लिया कि सभी सड़कें गड्ढामुक्त हो नहीं पाएंगी.
गड्ढायुक्त सड़कों के लिए हमलोगों के पास पैसा नहीं- सीएम योगी
सीएम योगी का ने कहा, ‘’गड्ढामुक्त सड़कों के लिए हमलोगों के पास पैसा नहीं था, क्योंकि खजाना तो खाली था. अधिकतर मार्गों को गड्ढामुक्त हम लोगों ने किया है, लेकिन आने वाले समय जो मार्ग बचेंगे, बरसात के बाद प्रदेश के अंदर युद्धस्तर पर उन कार्यों को लेकर के हमलोग प्रदेश को पूरी तरह गड्ढामुक्त सड़कें देंगे.’’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गड्ढों की हकीकत तब मानी जब एबीपी न्यूज ने गड्ढों और गड्ढों को भरने की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाई थी. एबीपी न्यूज ने ही सरकारी कागजात के जरिये सबसे पहले ये बताया था कि सरकार अभी तक आधे गड्ढे ही भर पाई है.
एबीपी न्यूज के पास वो दस्तावेज हैं जिसके आंकड़े बता रहे हैं कि अब तक आधा काम ही हो पाया है.
- पीडब्ल्यूडी यानी लोकनिर्माण विभाग 85 हजार 942 किलोमीटर सड़क में से 57 हजार 378 किलोमीटर सड़क के गड्ढे भर पाई.
- पंचायती राज विभाग को 3890 किलोमीटर सड़क के गड्ढे भरने थे सिर्फ 191 किलोमीटर के गड्ढे भरे.
- मंडी परिषद के जिम्मे 10193 किलोमीटर सड़क थी तीन महीने में सिर्फ 882 किलोमीटर सड़क पर काम हुआ..
- गन्ना विभाग ने 3716 किलोमीटर में सिर्फ 334 किलोमीटर सड़क ठीक की
- सिंचाई विभाग तो 9668 किलोमीटर सड़क में से एक किलोमीटर भी नहीं कर पाई
- नगर निकाय और नगर निगम के जिम्मे 6455 किलोमीटर सड़क थी काम हुआ सिर्फ 909 किलोमीटर सड़क का.
- इसके अलावा एनएचएआई, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भी सड़क ठीक करने का काम हुआ.
- इस तरह 1 लाख 21 हजार 816 किलोमीटर में से अब तक सिर्फ 61 हजार 433 किलोमीटर सड़क ही गड्ढामुक्त हो पाई
ये आंकड़े सात जून तक के हैं पंद्रह जून तक जितना काम होना चाहिए था उसका 50 फीसदी ही काम हो पाया है. चौबीस जून को योगी सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं और 100 दिनों के कामकाज का रिपोर्टकार्ड भी तैयार होने लगा है. खबर है कि खुद सीएम योगी उस दिन लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे.
जितनी सड़कें गड्ढामुक्त होनी हैं उसका आधा तो PWD यानी लोक निर्माण विभाग के पास है. उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के पास ये विभाग तो है लेकिन गड्ढा भरने के लिए बजट नहीं है. जरुरत साढ़े चार हज़ार करोड़ की है और PWD के पास सिर्फ बारह सौ पचास करोड़ रुपये है. हालांकि मौर्य खुद दूसरे विभागों के पैसों की कमी की बात कह चुके हैं.