लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने राजधानी लखनऊ में एक पुलिसकर्मी द्वारा कथित रूप से अंजाम दिये गये विवेक तिवारी हत्‍याकांड को लेकर अपनी ही सरकार की पुलिस की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस के ऐसे अकल्‍पनीय घृणित कार्य की लोपापोती का प्रयास करने वाले अफसरों को कतई बख्‍शा नहीं जाएगा.


पाठक ने कहा,"विवेक तिवारी की हत्‍या ने हम सबको अंदर तक झकझोर दिया है. पुलिस ऐसा गंदा और घृणित कृत्‍य कर सकती है, मुझे उम्‍मीद नहीं थी."

उन्‍होंने कहा,"जिस ढंग से इस हत्‍याकाण्‍ड के बाद पुलिस ने लापरवाही बरती. उसकी एकमात्र चश्‍मदीद गवाह सना खान को 17 घंटे तक अपने कब्‍जे में रखा. सादे कागज पर हस्‍ताक्षर लिये. मुकदमा जिस तरह लिखा जाना चाहिये था, नहीं लिखा. सना के बयान और मुकदमे की इबारत में तालमेल नहीं है."

उन्होंने कहा,"पूरी तरह से केस की लीपापोती करने का प्रयास किया गया. हम जिम्‍मेदारी से कह रहे हैं कि हम इस मामले में किसी भी लीपापोती करने वाले अफसर को बिल्‍कुल नहीं बख्‍शेंगे."

कानून मंत्री ने कहा कि उन्‍होंने विभिन्‍न समाचार चैनलों पर देखा कि विवेक के कातिल पुलिसवाले को जिस ढंग से पुलिस ने गोद में उठाकर दिखाया है, वह बहुत ही दुखद है. कातिल की जगह जेल में होनी चाहिये, उसे सख्‍त से सख्‍त सजा मिलनी चाहिये.

उन्‍होंने कहा कि वह इस मामले में लापरवाही और लीपापोती करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिये मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से सिफारिश करेंगे. इसके अलावा वह अदालत से भी अपील करेंगे, कि पूरे प्रकरण को फास्‍ट ट्रैक कोर्ट को सौंप दे जिससे पीडि़त परिवार को जल्‍द न्‍याय मिल सके.

पाठक ने कहा कि उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री से पीडि़त परिवार से मिलवाने का समय मांगा है, जैसे ही समय मिलेगा, वह मिलवाएंगे.

मालूम हो कि कथित रूप से चेकिंग के लिये गाड़़ी ना रोकने पर प्रशांत चौधरी नामक पुलिस कांस्‍टेबल ने कार सवार एप्‍पल कम्‍पनी के अधिकारी विवेक तिवारी (38) की गोली मारकर हत्‍या कर दी थी. इस मामले में दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करके बर्खास्‍त कर दिया गया है.