वाराणसी/इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयाग और काशी यानी वाराणसी में मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर शनिवार सुबह से ही पवित्र स्नान करने वालों का तांता लगा हुआ है. इलाहाबाद प्रशासन का अनुमान है कि मकर संक्रांति पर 17 घाटों पर लगभग 75 लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे. जबकि मकर संक्रांति के खास मौके पर आज लाखों श्रद्धालुओं ने वाराणसी के घाटों पर गंगा में डुबकी लगाई और तिल, गुड़, लावा, चूड़ा, पट्टी के अलावा खिचड़ी तथा वस्त्र आदि का दान कर पुण्यलाभ कमाया. इस बीच स्नान को लेकर प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का दिन
मकर संक्रांति यानी उत्तरायण होते सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का दिन. मकर संक्रांति के पुण्य काल पर धर्म की नगरी इलाहाबाद में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन त्रिवेणी पर लगे माघ मेले में आज देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा कर दान-पुण्य कर रहे हैं. इस मौके पर संगम का पुण्य पाने के लिए इलाहाबाद में त्रिवेणी के तट पर श्रद्धालुओं का कारवां उमड़ पडा है. प्रशासन का अनुमान है कि मकर संक्रांति पर संगम स्नान करने वालों का आंकड़ा रात तक अस्सी लाख तक पहुँच सकता है. यहाँ सुबह ग्यारह बजे ही तीस लाख से ज़्यादा श्रद्धालु संगम पर आस्था की डुबकी लगा चुके हैं.
मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
इलाहाबाद में पिछले कई दिनों से ठंड बढ़ गई है. आज भी यहां बर्फीली हवाएं हड्डियों को कंपा रही हैं. आसमान में हल्के बादल भी छाये हुए हैं और कोहरे ने हल्की धुंध फैला रखी है, लेकिन सर्दी के सितम से बेपरवाह श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद दान-पुण्य कर अपने पूर्वजों के लिए मोक्ष की कामना कर रहे हैं. ठण्ड का यहाँ पहुँचे श्रद्धालुओं पर कहीं कोई असर नहीं दिख रहा है. सुबह नौ बजे तक यहाँ आज घना कोहरा था, हालाँकि उसके बाद मौसम साफ़ हो गया है और खिली धूप निकल आई है.
मकर संक्रांति वैसे तो पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन संगम नगरी इलाहाबाद में इसका ख़ास महत्व है. कहा जाता है की मकर संक्रांति पर ख़ुद तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी गंगा-यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में आकर स्नान व पूजा अर्चना करते हैं. देवों की मौजूदगी में संगम स्नान का पुण्य पाने के लिए ही इस बार भी इलाहाबाद में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ आस्था की डुबकी लगा रही है. देश-विदेश से आए श्रद्धालु सूर्य को अर्ध्य देकर उनकी उपासना कर रहे हैं. जानकारों के मुताबिक मकर संक्रांति पर इस बार का संयोग हर किसी के लिए खासा फलदायक है.
मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी
वाराणसी में पिछले एक हफ्ते से शीतलहर चल रही है. लेकिन दशाश्वमेध क्षेत्र सहित गंगा किनारे लगभग सभी प्रमुख घाटों पर कल देर रात तक बाहर से आने वाले स्नानार्थियों की काफी भीड़ लग गयी थी. जिला व पुलिस प्रशासन ने भी स्नानार्थियों को असुविधा से बचाने के लिए चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी है. स्नान के दौरान घाटों के अलावा गंगा के दूसरी ओर भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ दिखी.
महावीर पंचांग के संपादक डॉ रामेश्वर नाथ ओझा ने बताया कि आज दोपहर एक बज कर 51 मिनट पर मणिकांचन योग में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश से 16 घंटे पूर्व ही पुण्यकाल प्रारंभ हो गया था, लिहाजा भोर से ही गंगा में स्नान का सिलसिला शुरू हो गया. ज्ञातव्य है कि मकर संक्रांति को भगवान भास्कर के उत्तरायण होने के साथ शुभ घड़ी की शुरुआत हो जाती है.
इस बीच शहर से लेकर मैदानों और घाटों तक बच्चों, युवाओं तथा बड़ों ने पतंगबाजी का खूब आनंद लिया. हालांकि जिला प्रशासन ने चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगा रखी है और कल भिन्न थाना क्षेत्रों से कुल 26 किलोग्राम चाइनीज मांझे के साथ कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, फिर भी पेशेवर पतंगबाजों ने चाइनीज मांझे का खुलकर प्रयोग किया.