लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज यूपी के सीएम अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो अपनी पार्टी के गुंडों और माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजकर दिखाये.



अतीक अहमद की दबंगई और गुंडई के काले कारनामे


मायावती ने कहा कि एसपी सरकार के मुखिया (अखिलेश) में यदि हिम्मत है तो वह प्रदेश में कानून व्यवस्था को हाईफाई करने की नाटकबाजी छोडें और अपनी पार्टी के गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अराजक, सांप्रदायिक एवं आपराधिक तत्वों को जेल की सलाखों के पीछे भेजें.


उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में एसपी नेता और पूर्व सांसद (अतीक अहमद) की दबंगई और गुंडई के काले कारनामे से संबंधित अखबारों में छपी खबरें एसपी सरकार के मुंह पर तमाचा है.


मायावती ने साधा मुख्यमंत्री पर निशाना


कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को असहज करने वाली एक घटना में कानपुर सीट से उसके प्रत्याशी माफिया-राजनेता अतीक अहमद पर एक शिक्षण संस्थान में मारपीट करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. मुख्य विपक्षी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधा है.


डकैती और आपराधिक धौंस देने के आरोप में मुकदमा दर्ज


इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने कहा, ‘‘सैम हिग्गिंगनबोट्टम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नॉलोजी एंड साइंसेज (शियाट्स) संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी की शिकायत पर जिले के नैनी थाने में अतीक अहमद और उनके चार समर्थकों पर दंगा फैलाने, अवैध रूप से समूह बनाने, डकैती और आपराधिक धौंस देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.’’



माथुर के अनुसार प्राथमिकी में 50 अन्य अज्ञात व्यक्तियों का भी जिक्र है. शिकायत है कि अहमद कल अपने समर्थकों के साथ के परिसर में घुस गए और जब इस संस्थान के कर्मचारियों ने उनके अवैध प्रवेश का विरोध किया तब उन्होंने उनके साथ मारपीट की.


अतीक अहमद ने किया आरोपों से इनकार


हालांकि, पिछले ही हफ्ते कानपुर छावनी सीट से एसपी के उम्मीदवार घोषित किये गये अहमद ने आरोप से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में शिक्षकों के साथ र्दुव्‍यवहार के आरोप में निष्कासित कर दिए गए छात्रों मोहम्मद सैफ एवं साकिब के निष्कासन पर पुनर्विचार पर आग्रह के साथ वह कुलपति से मिलने के लिये संस्थान गए थे.


आपको बता दें कि अतीक अहमद पर अनेक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उनका नाम 25 जनवरी 2005 को बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में भी सामने आया था.


एसपी सरकार के मुंह पर तमाचा


इस बीच, बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने इस घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जहां एसपी सरकार के मुखिया द्वारा ‘यूपी-100’ की आपातकालीन प्रबन्ध प्रणाली के जरिये 20 मिनट के भीतर पुलिस को वारदात स्थल पर पहुँचाने की हाई-फाई व्यवस्था का प्रचार सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से कराया जा रहा है. वहीं इलाहाबाद में एसपी नेता अतीक अहमद की दबंगई और गुण्डई के काले कारनामे से सम्बंधित अखबारों में मोटी सुखिर्यों में खबरें इस एसपी सरकार के मुँह पर तमाचा मारने का काम कर रही हैं.



एसपी सरकार के मुखिया में यदि थोड़ी भी हिम्मत है तो...


मायावती ने कहा कि एसपी सरकार के मुखिया में यदि थोड़ी भी हिम्मत है तो कानून-व्यवस्था का सम्मान करते हुये पुलिस व्यवस्था को हाई-फाई बनाने की नाटकबाजी के साथ-साथ अपनी पार्टी के गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं, अराजक, साम्प्रदायिक तथा अन्य आपराधिक तत्वों को सलाखों के पीछे भेजें, ताकि इस एसपी सरकार में सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूम रहे अपराधिक तत्वों के आतंक से यहां जनता में मची त्राहि-त्राहि में थोड़ी कमी आ सके.


मामले की जांच के बाद समुचित कार्रवाई


इस बीच, एसपी के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अतीक अहमद से जुड़े ताजा विवाद पर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मीडिया से मिली है. मामले की जांच के बाद समुचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जांच के बगैर किसी के खिलाफ किस आधार पर कार्रवाई की जाए.