नई दिल्लीः पार्कों में हाथियों की मूर्तियां लगवाने पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि लखनऊ और नोएडा में अपनी और बीएसपी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनवाने पर खर्च किया गया सारा सरकारी धन मायावती को लौटाना होगा.


सुप्रीम कोर्ट एक वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इन मूर्तियों को लगवानें में कितना धन खर्च हुआ था.


पहले तो हमें यह जानना जरूरी है इन मूर्तियों को लगवाने में कितना खर्चा आया था. राजकीय निर्माण विभाग के आंकड़े बताते हैं कि लखनऊ के आंबेडकर स्मारक में 78 हाथी करीब 36 करोड़, लखनऊ के कांशीराम स्मारक में हाथी की 30 मूर्ति लगभग 17 करोड़, और नोएडा में 20 मूर्ति को लगाने में साढ़े 65 करोड़ का खर्च आया.


याचिकाकर्ता का दावा है कि करीब 2600 करोड़ रुपए मायावती ने सिर्फ अपनी और हाथी की मूर्तियों पर खर्च किया. इनमें से न सिर्फ बड़ी मूर्तियां बल्कि छोटी मूर्तियां भी शामिल है.


याचिकाकर्ता रविकांत ने 2009 में मायावती के मुख्यमंत्री रहते ही याचिका दाखिल की थी. याचिका में लखनऊ, नोएडा समेत यूपी में कई जगहों पर लगी मायावती और बीएसपी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियों को सरकारी खर्च से लगवाने पर सवाल उठाया था.


कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था, ''हमारे संभावित विचार में मायावती को अपनी और चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा." पीठ ने यह साफ किया कि यह अभी संभावित विचार है क्योंकि मामले की सुनवाई में कुछ वक्त लगेगा. पीठ ने कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई दो अप्रैल को होगी.


वहीं इस मामले को लेकर बीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा. पार्टी की ओर से पेश हुए वकील सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, ''जो मूर्तियां लगी हुई हैं वह बीएसपी के चुनाव चिह्न से मिलती जरूर है लेकिन पार्टी का चुनाव चिह्न है नहीं हैं. BSP के चुनाव चिह्न में खड़ा हाथी है जिसकी सूंड़ नीचे जमीन की तरफ है, जबकि इन पार्कों में लगे हाथियों की सूंड़ ऊपर की तरफ है, जो की स्वागत का प्रतीक है.'' सतीश चंद्र मिश्रा राज्यसभा में बीएसपी के सांसद हैं.


अपनी मूर्तियां बनवाकर घिरीं मायावती, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकारी खजाने में लौटाना चाहिए पैसा


मूर्तियों पर जनता का पैसा खर्च करने वालों और सत्ता की मिलावट करने वालों की घंटी बजाओ