उन्नाव मामले में यूपी के मंत्री का दामाद भी नामजद, मंत्री बोले- सीबीआई जांच से सामने आएगा सत्य
यूपी के रायबरेली में हुई सड़क दुर्घटना के मामले में सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें यूपी के एक मंत्री के दामाद का भी नाम है. इस खबर में जानिए कि आखिर ये पूरा मामला क्या है.
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लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना के मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमें यूपी सरकार में मंत्री धुन्नी सिंह के दामाद अरुण सिंह का भी नाम है. पीड़िता के चाचा की ओर से दर्ज कराई गई इस एफआईआर में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश और षडयंत्र की धाराएं लगाई गई हैं.
मामले की जांच करने के लिए सीबीआई की तरफ से गठित विशेष टीम रायबरेली जिले के गुरबख्शगंज इलाके में हादसा स्थल पर पहुंची. सेंगर के अलावा दुर्घटना मामले में जिन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें उसका भाई मनोज सिंह सेंगर, अरूण सिंह, विनोद मिश्रा, हरी पाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रिंकू सिंह, वकील अवधेश सिंह और 15 से 20 अज्ञात व्यक्ति हैं.
अरूण सिंह इस समय अमरनाथ यात्रा पर हैं. उन्होंने माना कि वह यूपी के कृषि, कृषि शिक्षा और अनुसंधान राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह के दामाद हैं. सिंह ने खुद को बेगुनाह बताया. सिंह ने बताया कि 'यह मुझे फंसाने की नीयत से किया गया है. मेरी लोकेशन ले ली जाये, मेरा नार्को टेस्ट करवा लिया जाये, मेरा पिछले छह माह का ट्रैक रिकार्ड लिया जाये. कहीं कोई कनेक्शन आता हो तो बतायें. मुझे विश्वास है कि मेरा दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है. मैं सीबीआई को पूरा सहयोग करूंगा. जो भी जांच एजेंसी होगी, मेरी जांच होनी चाहिये, मैं खुद इंसाफ मांग रहा हूं. मुझे साजिशन फंसाया जा रहा है, मैं अपराधी नही हूं, मेरे ऊपर एक भी पुराना आपराधिक मामला नहीं है."
सिंह ने कहा कि 'मैंने प्रखंड प्रमुख के चुनाव में अवधेश सिंह को हराया था. वह मेरे खिलाफ राजनीतिक रंजिश रखते हैं. उन्होंने पीड़िता के चाचा और उसके परिवार को गुमराह करने का प्रयास किया है. मेरी सांत्वना पीड़ित बच्ची के साथ है. मैं नवाबगंज का ब्लाक प्रमुख हूं. मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी, जिसकी वजह से लोग आठ-आठ महीने के लिये जेल गये इसलिये उनका प्रयास है कि अरूण सिंह फंसे. धुन्नी सिंह मेरे ससुर है 2009 में मेरी शादी हुई थी, क्या किसी का दामाद होना अपराध है, मैं अपराधी हूं क्या?'
मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह ने बुधवार को माना कि उनके रिश्तेदार का नाम उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना में शामिल है. उन्होंने कहा कि 'सीबीआई मामले की जांच कर रही है और मैं समझता हूं कि उससे बड़ी कोई जांच नहीं है और वह जब जांच कर रही है तो खुद साफ हो जायेगा और सत्य सामने आ जायेगा..'
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की, उसकी चाची और मौसी अपने वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने रिश्तेदार महेश सिंह से रविवार को मुलाकात करने जा रही थी. रास्ते में रायबरेली के गुरबख्श गंज क्षेत्र में उनकी कार और एक ट्रक के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर हो गयी थी. केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर मंगलवार को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने दिल्ली में बताया,"मामले की त्वरित और सुचारू जांच के लिए सीबीआई ने एक टीम का गठन किया है." टीम ने अपराध स्थल, मारूति स्विफ्ट कार को टक्कर मारने वाले ट्रक का निरीक्षण किया. दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे पुलिस अधिकारियों से भी सीबीआई की टीम ने बातचीत की. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि टीम महिला की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत करेगी और उनसे पूछेगी कि रविवार को वे पीड़िता के साथ क्यों नहीं थे, जब दुर्घटना हुई.
सीबीआई कर रही है जांच
सीबीआई ने सामान्य प्रक्रिया के अनुसार फिर से प्राथमिकी दर्ज करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस से दुर्घटना मामले की जांच अपने हाथ में ले ली. पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया था कि बांगरमऊ से विधायक सेंगर के भाजपा से निलंबन के बाद से उसके रिश्तेदार पीड़िता के परिवार पर लगातार दबाव बना रहे थे. वे सेंगर के खिलाफ मामला वापस नहीं लेने की स्थिति में पीड़िता के पूरे परिवार की हत्या करने की कथित धमकियां दे रहे थे.
प्राथमिकी के अनुसार यह भी आरोप लगाया गया था कि पीड़िता के परिवार की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई दल ने राय बरेली में स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारियों से भी मुलाकात की. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा,"आरोप लगाया गया कि आरोपी व्यक्ति शिकायतकर्ता के परिवार के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं, उन्हें धमकी दे रहे हैं और उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. इसमें आरोप लगाया गया कि इस मामले में 28 जुलाई 2019 को हुई दुर्घटना में दो लोगों की जान चली गई. उन्नाव की पीड़िता और परिवार के वकील का लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है."
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