पीएम ने अविश्वास प्रस्ताव और अपने ऊपर हो रहे हमलों का जवाब देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और ग़लत काम पर रोक लगाई तो मैंने कोई ग़लत किया है क्या, मैंने कोई काम अपने लिए किया है क्या?, देश को विश्वास है तो इनको अविश्वास क्यों है.
इन सब बातों से तो यही लग रहा है कि अब तक 'सबका साथ सबका विकास' का नारा लगाने वाली बीजेपी 'साफ़ नीयत सही विकास' के नारे साथ लोकसभा चुनाव में उतारने का मन बना चुकी है.
किसान कल्याण रैली में पीएम ने बात की शुरुआत किसानों के मुद्दे जैसे फ़सलों का समर्थन मूल्य, गन्ना दाम का बक़ाया, फ़सल क्रय के मामले से की और बिजली, सिंचाई और ख़ाद के लिए अपनी सरकार के कामों का ज़िक्र किया.
लेकिन इसके बाद मोदी ने चिर परिचित अंदाज़ में टर्न लिया और पुरानी सरकारों और विपक्ष को घेरना शुरू किया. लोकसभा में राहुल गांधी के भागीदार आरोप को आज उन्होंने रैली में उठाया और किसानों के दुःख दर्द के लिए अब तक की सरकारों को ज़िम्मेदार बताया.
पीएम मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे में जान फूंकने की कोशिश करते हुए, किसानों के मुद्दों के लिए पहले की केंद्र और यूपी सरकारों पर हमले किए.
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किसानों के मुद्दे पर बोलने के बाद मोदी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में भाषण और हरकत पर भी जमकर बोला. बीजेपी के ख़िलाफ़ गठबंधन की क़वायद पर मोदी ने कहा कि एक दल फिर एक दल इसके बाद एक और दल यानी जहां इतने दल होंगें वहां दलदल होगा और जहां ज़्यादा दलदल होगा वहीं कमल खिलेगा.