सहारनपुर: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया और उन्हें सहारानपुर नहीं जाने दिया. राहुल गांधी को रोकने के लिए बॉर्डर पर जबरदस्त बैरिकेडिंग की गई थी. हालांकि, राहुल गांधी हिंसा पीड़ितों से बॉर्डर पर ही मिले.
दरअसल जैसे ही ये खबर फैली की पुलिस राहुल को सहारनपुर नहीं आने दे रही है तो पीड़ित परिवार खुद ही राहुल से मिलने के लिए बॉर्डर पर ही पहुंच गए और तरह पीडित परिवारों और राहुल गांधी के बीच मुलाकात मुमकिन हो पाई.
सहारनपुर जाने से रोकने पर राहुल गांधी मोदी सरकार पर जमकर बरसे. राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में बिगड़े हालाता के लिए मोदी सरकार को जमकर कोसा. राहुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जब शांति होती है तो हिंदुस्तान को फायदा होता है, हिंसा होती है तो पाकिस्तान को फायदा होता है. ये काम मोदी जी कर रहा हैं.
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा, "जम्मू-कश्मीर जल रहा है, हम शांति लाए थे, जो देशद्रोही शक्तियां हैं उनको नरेंद्र मोदी जी जम्मू-कश्मीर में मौका दे रहे हैं."
आपको बता दें कि राहुल गांधी सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करना चाहते थे. राहुल के साथ प्रदेश कांग्रेस के कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर हैं.
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सहारनपुर का शब्बीरपुर गांव हाल की जातीय हिंसा का केंदबिंदु रहा है. राहुल के दौरे से पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘वे गरीबों, दलितों और आदिवासियों की आवाज दबा नहीं सकते. राहुल गांधी और कांग्रेस उनकी आवाज उठाते रहेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी हिंसा के पीड़ितों तक राहुल को पहुंचने से नहीं रो सकता. यह हिंसा भाजपा के गुंडो के द्वारा कराई गई.’
बीजेपी ने उनके दौरे को लेकर निशाना साधा है. यूपी सरकार के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्विटर पर लिखा, ‘’सहारनपुर में शांति बहाल हो गई थी बहन मायावती के जाने के बाद हालात बिगड़े, अब ट्रेजेडी टूरिस्ट राहुल गांधी जाने की तैयारी में हैं.’’
एक अन्य ट्वीट में श्रीकांत ने कहा, ''कुछ लोग दलितों के मसीहा और मुसलमानों के रहनुमा बन राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं. आमजन से अपील है कि किसी बहकावे में न आएं.''
इससे पहले बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने सहारनपुर का दौरा किया था, जिसके बाद की हिंसा में एक आदमी मारा गया और दो जख्मी हुए. फिलहाल हालात को देखते हुए प्रशासन ने राहुल गांधी को सहारनपुर आने की इजाजत नहीं दी है.
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पांच मई को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में आंबेडकर शोभायात्रा निकालने पर दलितों और ठाकुरों के बीच बवाल हुआ था, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी. पुलिसकर्मियों समेत कई लोग जख्मी हुए थे. हिंसा भड़काने का आरोप भीम आर्मी नाम के संगठन पर लगा था.
प्रशासन की कोशिश है कि सहारनपुर में जल्दी से जल्दी विश्वास और भाईचारे का माहौल कायम हो. मायावती के शब्बीरपुर जाने के बाद हुई हिंसा से चौकन्ना प्रशासन अब फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है.