लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त हो रही है, परंतु मोदी आज भी इमोशनल ब्लैकमेल करने में लगे हैं. वह चाहते हैं कि जनता का पेट लुभावने भाषणों से ही भरा रहे और उनका गुणगान होता रहे.



अपने बच्चों का पेट पालने में असमर्थ लाखों मजदूर


मसूद अहमद ने कहा, "अचानक लिए गए अव्यवस्थापूर्ण निर्णय से हजारों कल कारखाने बंद हो गए. लाखों मजदूर अपने बच्चों का पेट पालने में असमर्थ हो रहे हैं. फिर भी प्रधानमंत्री जनता के धैर्य की परीक्षा लुभावने सपने दिखाकर ले रहे हैं."


गन्ना किसानों का 1300 करोड़ रुपया अब भी बकाया


डॉ. अहमद ने कहा कि नोटबंदी के बाद किसान ने रबी की फसल की बुवाई तो रो रोकर कर डाली परंतु फसल तैयार होने से पहले ही केंद्र सरकार ने गेहूं का आयात शुल्क समाप्त कर किसानों की कमर तोड़ दी."

उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का 1300 करोड़ रुपया अब भी बकाया है, जिसे पाने के लिए किसान तड़प रहा परंतु उत्तर प्रदेश सरकार मौन धारण किए हुए है.

केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप


आरएलडी प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा, "केंद्र सरकार अपनी शाइनिंग इंडिया और प्रदेश सरकार मेट्रो और एक्सप्रेस वे के विकास के घमंड में चूर हैं. उसे किसानों की फिक्र नहीं है."