लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्कूली बच्चों को धूप में भूखा-प्यासा बैठाने का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. बहराइच में योगी की शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के एक कार्यक्रम में मंत्री जी को रिझाने के लिए अधिकारियों ने स्कूली बच्चों को धूप में भूखे-प्यासा बिठाए रखा और उनसे रिहर्सल कराई. बच्चे दोपहर से लेकर रात तक भूखे प्यासे बैठे रहे, लेकिन उन्हें किसी ने खाना नहीं दिया.


गांवों में रात को चौपाल लगा रहे हैं बीजेपी के नेता

दरअसल बीजेपी के ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पार्टी के नेता इन दिनों गांवों में रात को चौपाल लगा रहे हैं. लेकिन हद तो तब हो गई जब चौपाल में भीड़ दिखाने के लिए अधिकारियों ने सैकड़ों स्कूली बच्चों को बुला लिया. ये मामला बहराइच में शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के चौपाल का था. बता दें कि इटौंजा के प्राइमरी स्कूल में ही मंत्री जी के ठहरने और चौपाल का इंतज़ाम किया गया था.

मासूम स्कूली बच्चों को दोपहर दो बजे ही बुला लिया था

मंत्री जी के कार्यक्रम के लिए पांच से सात साल के इन मासूम स्कूली बच्चों को दोपहर दो बजे से ही बुला लिया गया था. अधिकारियों ने सभी बच्चों को समझा दिया था कि जब मंत्री साहिबा आएंगी तो किसको क्या करना है. इन मासूम बच्चों से सरस्वती वंदना से लेकर स्वागत गीत तक की रिहर्सल कराई गई. लेकिन बच्चों के बारे में किसी ने नहीं सोचा.



मासूम स्कूली बच्चे सुबह से लेकर रात तक भूखे प्यासे बैठे रहे. लेकिन उनका पेट भरने के लिए कोई अधिकारी आगे नहीं आया. जब भी बच्चों ने अधिकारियों से कहा कि हमें भूख लगी है तो अधिकारियों की तरफ से सिर्फ एक ही जवाब मिला की बस मंत्री जी पहुंचने वाली हैं. वे रास्ते में हैं.

भूखे-प्यासे घर लौट गए बच्चे

मंत्री अनुपमा जायसवाल को शाम छह बजे कार्यक्रम में आना था, लेकिन वो दो घंटे की देरी से रात आठ बजे पहुंची. तब तक बच्चे प्यास और भूख से बिलबिलाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा. मंत्री जी और उनके समर्थकों के लिए स्कूल में ही खाना बनाया गया था. लेकिन घंटों से भूखे प्यासे बच्चों को खाने के लिए कुछ नहीं दिया गया. रात को बच्चे भूखे-प्यासे ही घर लौट गए. इतना ही नहीं रात में बच्चों के साथ कोई हादसा भी हो सकता था. लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया.

दोषी लोगों पर कार्रवाई करेंगे- अनुपमा जायसवाल

मंत्री अनुपमा जायसवाल से जब बच्चों को लेकर सवाल हुआ, तो वे असहज हो गईं. उन्होंने कहा कि बच्चों को क्यों बुलाया गया था. अगर उन्हें भूखा प्यासा रखा गया है तो हम इसकी जांच कराकर दोषी लोगों पर कार्रवाई करेंगे.” मंत्री जी ने बताया उन्हें तो ये भी नहीं पता था कि बच्चों को भीड़ बढ़ाने के लिए लाया गया था. अब भला उनकी मासूमियत पर कौन शक करे. बच्चे तो बच्चे ही होते हैं, राजनीति और अफ़सरों की चापलूसी वो कैसे समझ पायेंगे.

पहले भी विवादों में रह चुकी हैं मंत्री अनुपमा जायसवाल

इससे पहले अनुपमा जायसवाल ने कहा था कि दलितों के घर मच्छर काटते हैं. इसके बाद उन्होंने कहा है कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है. उन्होंने कहा है कि अगर मच्छर काटते भी हैं तो भी खुशी होती है कि हम उनके बीच में रहते हैं. बता दें कि अनुपमा जायसवाल के बयान के बाद योगी सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा था.