लखनऊ: यूपी में बीजेपी राज में बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के नाम पर सड़कें होंगी. साथ ही समाजवादी पार्टी के गुरू कहे जाने राममनोहर लोहिया के नाम पर सड़कों के नाम रखे जायेंगे. लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को मिर्ची लगाने का ये आयडिया डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का है.

योगी सरकार ने 22 महापुरूषों के सम्मान में सड़कों के नाम रखने का मन बनाया है. ये सब कैसे और कब हो इस पर जल्द ही फ़ैसला हो जायेगा. लेकिन इसकी तैयारी के लिये डिप्टी सीएम केशव ने पीडब्ल्यूडी विभाग के सीनियर अफ़सरों के साथ बैठक की.

एसपी और बीएसपी के गठबंधन के ख़िलाफ़ यूपी में बीजेपी हर दांव आज़माने के मूड में है. हिंदी पट्टी की राजनीति जाति और प्रतीकों के सहारे की जाती रही है. लोकसभा चुनावों से पहले अलग अलग बिरादरी के लोगों को लुभाने के लिए सड़कों के नाम रखे जाने का फ़ैसला हुआ है.

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एससी समाज के लोगों को जोड़ने के लिहाज से कांशीराम के सम्मान में सड़कों के नाम रखने पर सहमति बनी है. उन्होंने ही 1984 में बहुजन समाज पार्टी बनाई थी. मुलायम सिंह से लेकर अखिलेश यादव तक राम मनोहर लोहिया को अपना राजनैतिक गुरू बताते रहे हैं. लोहिया के नाम पर भी यूपी की कई सड़कों के नाम रखे जाने का फ़ैसला हो चुका है.

इसी तरह से झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई, संघ विचारक दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर भी सड़कें होंगी. सुहेलदेव राजभर और बिहार के पूर्व सीएम क़र्पूर ठाकुर का नाम भी लिस्ट में है. 22 महापुरूषों की ये लिस्ट बनी है, जिनके सम्मान में सड़कों का नाम रखने का फ़ैसला हुआ है.

राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बताते हैं कि हमारी सरकार को मौक़ा मिला है. सड़कें पहले से बनी हैं या फिर बन रही हैं. इनका नामकरण कर देने भर से समाज का मान बढ़ेगा. इसके साथ ही ये भी तय हुआ है कि कई पुलों के नाम भी महापुरूषों के नाम पर रखे जायेंगे. ख़बर है कि इसी महीने के आख़िर में या अगले महीने के पहले हफ़्ते में एक बड़ा कार्यक्रम होगा जिसमें सड़क और पुलों के नाम महापुरूषों के नाम पर हो जायेंगे.