लखनऊ: लखनऊ में योगी सरकार के मंत्री के गनर की पिस्टल तो अस्पताल के एमआरआई मशीन से निकाल ली गयी, लेकिन अभी मशीन के काम करने लायक बनने में लगभग दस दिन का वक्त लग जायेगा. और इसमें करीब पचास लाख रुपये खर्च होंगे. अब सवाल ये की पचास लाख रुपये का खर्च कौन करेगा.
दरअसल कल लखनऊ में मंत्री सत्यदेव पचौरी का एमआरआई टेस्ट कराया गया था. इसके लिए मंत्री जी को उस कमरे में ले जाया गया जहां ये टेस्ट होता है. नियम के मुताबिक इस कमरे में कोई भी धातु नहीं ले जाई जा सकती. मंत्री जी का गार्ड पहले तो कमरे के बाहर था लेकिन थोड़ी देर में ही मना करने के बावजूद लोड की हुई पिस्टल के साथ अंदर चला गया.
जैसे ही मंत्री का सुरक्षा गार्ड अंदर गया एमआरआई मशीन की मैग्नेटिक फील्ड ने पिस्टल अंदर खींच ली और पिस्टल मशीन में चिपक गई. अब मशीन काम नहीं कर रही है और मरीज परेशान हैं. बताया जा रहा है कि मशीन को ठीक करने में करीब दस दिन लग जाएंगे और इसको ठीक करने में करीब 40 से 50 लाख रुपए का खर्च आएगा.
हालाँकि सरकार ने मंत्री के गनर मुकेश चंद्र शर्मा को तो सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई का पचास लाख का जो नुक्सान हो रहा है, आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा ? इस गाढ़ी कमाई की भरपाई कौन करेगा ? कौन देगा बेवजह खर्च हुए जनता के पैसे का हिसाब? ये सवाल हमने सूबे के स्वास्थय मंत्री से पूँxछ तो वो जवाब देने के बजाय प्राथमिकता गिनाने लगे.